नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों से भारत में हर साल हो रहा है 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
भारत हर साल उर्वरकों के रूप 1.8 करोड़ टन नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित हो रही ...
कॉप-26: संयुक्त राष्ट्र ने कहा, कार्बन कटौती का दावा खोखला है
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जब जीवाश्म ईंधन उद्योग अभी भी खरबों की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं, अभी भी कोयला संयंत्रों का ...
तेल रिफाइनरियों से बहुत ज्यादा उत्सर्जन की आशंका : अध्ययन
रिफाइनरियां इसी तरह से काम करती रहीं, कार्बन को कम करने के उपाय नहीं अपनाए गए तो 2030 तक 16.5 गीगाटन तक सीओ2 उत्सर्जित ...
चार प्राकृतिक तरीकों से कम किया जा सकता है जलवायु में बदलाव, कौन से हैं वो तरीके?
अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रकृति-आधारित जलवायु समाधान महत्वपूर्ण हैं, यह अध्ययन प्रकृति के चार प्रमुख ...
सीबीडी कॉप-15: यूएन का निष्क्रिय प्रकृति संरक्षण समझौता विफल हो जाएगा, कार्यकर्ताओं ने दी चेतावनी
जैव विविधता की रक्षा के लिए हमें पहले स्वदेशी लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है, स्वदेशी लोग जैव विविधता की रक्षा कर रहे ...
ऊर्जा उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सोलर और विंड की हिस्सेदारी
वैश्विक स्तर पर ऊर्जा उत्पादन में विंड और सोलर की हिस्सेदारी अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जोकि 2021 में 10.3 फीसदी दर्ज ...
कॉप-26: जलवायु वित्त पर स्पष्टता होने पर ही एनडीसी को अपडेट करेगा भारत
विकसित देश भी दान देने वाले देशों की सूची को बढ़ाने के इच्छुक हैं, इसमें चीन को भी जलवायु पर वित्त प्रदान करने के ...
ग्लोबल वार्मिंग का लक्ष्य तय करने के लिए अमीर देशों को बदलनी होंगी आर्थिक नीतियां
नए शोध से पता चलता है कि जलवायु संबंधी मौजूदा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक परिदृश्यों पर विचार करने की आवश्यकता है, ...
कभी भी ढह सकता है अंटार्कटिका हिमखंड का तीसरा हिस्सा
अध्ययन में पाया गया कि बढ़ते तापमान की वजह से अंटार्कटिका के बर्फ वाले क्षेत्रों का 34 फीसदी और अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर 67 फीसदी ...
जलवायु परिवर्तन के चलते भारतीय मानसून हो रहा है अधिक अस्थिर, इस साल हो सकती है भारी बारिश
शोधकर्ताओं ने बताया है कि तापमान के हर डिग्री सेल्सियस बढ़ने से मानसूनी बारिश में लगभग 5 फीसदी की वृद्धि होगी।
खाद्य सुरक्षा के लिए बदलते मौसम के अनुसार फसलों की नई किस्में जरूरी : अध्ययन
तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित रखने पर सदी के अंत तक दुनिया भर में होने वाली पैदावार में लगभग 20 ...
सदियों तक महासागरों में जीवों को प्रभावित करेगा दो डिग्री से अधिक तापमान
वायुमंडलीय सीओ2 का स्तर चरम पर पहुंचने और घटने के बाद भी लोग लंबे समय तक इसके प्रभावों को महसूस करते रहेंगे
दुनिया भर में जंगलों का इलाका 6 दशकों में 60 फीसदी से अधिक घटा: अध्ययन
अध्ययनकर्ताओं ने दुनिया भर में भूमि उपयोग डेटासेट का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि समय के साथ दुनिया भर में जंगल किस ...
दुनिया के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है भारत के तटीय इलाकों में समुद्र का स्तर: डब्ल्यूएमओ रिपोर्ट
समुद्र के स्तर में इस तरह की वृद्धि होने से भारतीय समुद्रीय तटों के किनारे रहने वाले लाखों लोगों के लिए खतरा बढ़ सकता ...
भूमि का सही उपयोग व आहार में बदलाव से थम सकता है जलवायु परिवर्तन
अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि पशुधन प्रोटीन से हटकर पौधे से आधारित प्रोटीन की ओर बढ़ना हमारी जलवायु के लिए फायदेमंद ...
6 अरब से अधिक लोग आएंगे तेजी से बढ़ते चरम मौसम के संपर्क में: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक 156.9 से 235.8 करोड़ की कुल आबादी तेजी से बढ़ती नमी, गर्मी, और ठंढ के दिनों की चरम सीमा के सम्पर्क ...
गर्मी का कहर: 2.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ, भीषण गर्मी की चपेट में होंगें 60 करोड़ भारतीय
बढ़ता तापमान न केवल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, बल्कि यह बौद्धिक क्षमता, कृषि और श्रम उत्पादकता में गिरावट का ...
कोयले का अंत 2050 तक!
तकनीक का विकास दुनियाभर को नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ा रहा है और इसने कोयले के भविष्य को चुनौती दे दी है। ...
कॉप-27: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए देशों के लक्ष्य नाकाफी: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 27) इस साल 6 से 18 नवंबर तक मिस्र के शर्म अल शेख में होगा
बाढ़ से खतरे में आने वाली आबादी में हुई एक चौथाई वृद्धि: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में 8.6 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रहते है जहां बाढ़ आने की सबसे अधिक आशंका है
वायु प्रदूषण की वजह से बढ़ रहा है जलवायु परिवर्तन का प्रभाव : अध्ययन
सीओ 2 और एरोसोल अक्सर ईंधन के जलने के दौरान एक ही समय में उत्सर्जित होते हैं, दो पदार्थ पृथ्वी के वायुमंडल में अलग-अलग ...
पिछले एक दशक में भारत में एसओ 2 के स्तर में आई गिरावट: आईआईटी खड़गपुर
पिछले तीन दशकों की तुलना में पिछले एक दशक में भारत में सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) के स्तर में उल्लेखनीय गिरावट आई है
उत्सर्जन पर लगाम नहीं लगी तो भुगतने होंगे भयंकर नतीजे :आईपीसीसी रिपोर्ट
दुनिया की लगभग आधी आबादी 330 से 360 करोड़ के बीच ग्लोबल वार्मिंग के घातक प्रभावों के सबसे अधिक खतरे में है, जो निश्चित ...
क्या कार्बन-कैप्चर मॉडल सही से काम करते हैं या कार्बन क्रेडिट की होड़ में होता है झोल?
शोध में पाया गया कि एक जमीन के मालिक को मिलने वाले कार्बन कम करने की राशि कम से कम 2.76 कारणों से बढ़ा-चढ़ाकर ...
कॉप 27: जलवायु वित्तपोषण को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत
2030 तक उत्सर्जन में कमी और निवेश विकसित देशों में कम से कम चौगुना और विकासशील देशों में तीन गुना होना चाहिए