आसान हुआ लेड का पता लगाना, वैज्ञानिकों ने बनाया उपकरण
अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नया फोरेंसिक ट्रेसर विकसित किया है, जो लेड आइसोटोप के उपयोग से मिट्टी और गाद सहित धूल व अन्य ...
एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत की वजह बना आर्सेनिक
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के कई इलाकों में आर्सेनिक का कहर है। इनमें से एक है, गंगा नदी के किनारे बसे सारण जिले का नवरसिया ...
भारतीय वैज्ञानिक ने बनाया ऐसा सेंसर, 15 मिनट में भोजन तथा पानी में मौजूद आर्सेनिक का लगा सकता है पता
मेटल-आर्गेनिक फ्रेमवर्क पर आधारित यह सेंसर आर्सेनिक की एक विस्तृत श्रृंखला - 0.05 पीपीबी से 1,000 पीपीएम तक का पता लगा सकता है
भारत में विषाक्तता का प्रमुख कारण है कीटनाशक, उत्तर भारत है सर्वाधिक प्रभावित : अध्ययन
रिपोर्ट के मुताबिक कीटनाशकों तक आसान पहुंच और इसकी खपत ने इसे दुनिया भर में आत्महत्याओं का प्रमुख कारण बना दिया है।
यहां होती है कैंसर की खेती, अनजाने में खुद ही शिकार हो रहे लोग!
ओडिशा के कृषि प्रधान जिले बरगढ़ में कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल ने जानलेवा कैंसर को बड़े पैमाने पर फैला दिया है
सजावटी पेंट में अंधाधुंध मिलाया जा रहा लेड, डिब्बे पर चिपका रहे झूठा लेबल
पांच राज्यों के सभी पेंट नमूनों में खतरनाक लेड की मात्रा तय मानक 90 पीपीएम से अधिक पाई गई है
एशियाई देशों में 94% भूजल आर्सेनिक से दूषित
वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए नक्शे से पता चला है कि दुनिया भर में 22 करोड़ लोगों को आर्सेनिक के खतरनाक स्तर तक दूषित ...
जानिए, कहां हुई थी आर्सेनिक की वजह से पहली मौत
चिली के अरीका शहर में 7,000 साल पहले चिंचोरो समुदाय को आर्सेनिक की मार झेलनी पड़ी थी, वहां सबसे पहले एक बच्चे की मौत ...
आर्सेनिक की चपेट में है उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी
भारतीय शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में पता चला है कि उत्तर प्रदेश की करीब 2.34 करोड़ ग्रामीण आबादी भूमिगत जल में मौजूद आर्सेनिक ...
बिहार के 18 जिलों में फैला है आर्सेनिक का जहर
बिहार के कई इलाकों में पीने के पानी में आर्सेनिक की मात्रा सामान्य से 20 गुणा अधिक है, जो लोगों के लिए जहर से ...
लोगों की जान ले लेता है इस गांव का पानी!
छत्तीसगढ़ के इस गांव में आर्सेनिक की मात्रा इतनी अधिक है कि लोग बीमार हो रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं
मिड-डे-मील में फूड प्वॉजनिंग के मामले पिछले तीन माह में तेजी से बढ़े
बिहार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बीते तीन माह में फूड प्वॉजनिंग के मामले, पिछले छह साल के दौरान सबसे अधिक बढ़े
बिहार के 38 में से 37 जिलों का पानी पीने लायक नहीं, सरकार ने माना
बिहार में पहले 28 जिलों में भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की पुष्टि की गई थी, लेकिन अब उपमुख्यमंत्री ने माना कि 37 ...
चावल में बढ़ सकता है कैंसरकारी आर्सेनिक, घट जाएगा 40% उत्पादन: स्टडी
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के चलते चावल का उत्पादन घट जाएगा, जबकि मिट्टी में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ने ...
गोमती नदी में भारी धातुओं का स्तर चिंताजनक
वैज्ञानिकों का मानना है कि लखनऊ के उद्योगों और नगरपालिका से निकलने वाला उपचारित व अनुपचारित अपशिष्ट गोमती में बहाए जाने से जल की ...
अब स्मार्टफोन देगा मिट्टी और पानी के प्रदूषण की जानकारी : शोध
इस तकनीक की मदद से आप पानी को पीने से पहले अपने फोन में इसकी एक बूंद डाल कर पता लगा सकते है कि ...
इंजीनियरों ने बनाया पीने के पानी से आर्सेनिक हटाने का कम लागत वाला उपकरण
शोधकर्ताओं के मुताबिक आर्सेनिक के अलावा यह उपकरण पीने के पानी से अन्य दूषित पदार्थों, जैसे सीसे को भी छान कर अलग कर सकता ...
संसद में आज: छत्तीसगढ़ का पीने का पानी आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रदूषित
31 जनवरी 2021 तक, छत्तीसगढ़ सरकार ने भूजल में जायज सीमा से अधिक फ्लोराइड प्रदूषण के 153 आवासों के बारे में जानकारी दी है
क्या है शिगेला बैक्टीरिया, कैसे होता है इसका संक्रमण, इसके लक्षण क्या हैं? यहां जानें
खाद्य विषाक्तता को काफी सामान्य माना जाता है और यह कई कारणों से हो सकती है, पर शिगेला से होने वाला संक्रमण किस तरह ...
आर्सेनिक से प्रदूषित पानी पीने से गॉलब्लेडर में कैंसर होने का खतरा: अध्ययन
दुनिया भर में होने वाले गॉलब्लेडर या पित्ताशय की थैली के कैंसर की लगभग 10 फीसदी घटनाएं भारत में होती हैं
जहरीले पारे के संपर्क में आने को रिकॉर्ड करते हैं मछलियों की आंखों के लेंस
अध्ययन में, मछली की आंखों में पारे को मापकर हर मछली के जीवनकाल में इसके संपर्क में आने का वर्णन किया गया है
भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं बिजली संयंत्रों से निकलने वाली कोयले की राख के जहरीले तत्व: अध्ययन
बिजली संयंत्र सक्रिय कार्बन या चूने को ग्रिप गैस में इंजेक्ट करते हैं, जो पारा और सल्फर उत्सर्जन को कैप्चर करता है, 1000 डिग्री ...
बचपन में लेड के हानिकारक स्तर के सम्पर्क में थे 50 फीसदी अमेरिकी, क्या भारत जैसे देशों में भी है इसका खतरा
वैश्विक स्तर पर 2019 में होने वाली 9 लाख मौतों के लिए सीसा जिम्मेवार था। साथ ही इसकी वजह से 2.17 करोड़ वर्षों के ...
संसद में आज: 800 आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों में से 69 बस्तियों में हो रही है नल से जलापूर्ति
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जल संरक्षण के लिए 1,09,610.29 रुपये खर्च किए गए हैं
संसद में आज: भारत में पिछले चार सालों में 73,576 लघु उद्यमियों ने पंजीकरण रद्द करवाया
चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में भूजल निकासी का स्तर 100 ...