कोविड-19: महज एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को ही मिल रहा राहत घोषणाओं का फायदा
आईएचडी के आकलन के अनुसार अल्पकाल के लिए काम की तलाश में बार-बार आने-जाने वाले करीब 5 करोड़ प्रवासी सरकार की लाभुकों की शिनाख्त ...
हिमाचल का यह गांव, जहां इंसान या चीजों को छूने पर लिया जाता है जुर्माना
12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसे हिमाचल का गांव मलाणा विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए ...
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: हाट बंद होने से छत्तीसगढ़ के आदिवासी परेशान
छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला न केवल भारत, बल्कि एशिया में लाख के बाजार के लिए मशहूर है। लेकिन...
आर्थिक सर्वेक्षण 2020: किसानों की कर्ज माफी रोकने के लिए कानून बनाए सरकार
आर्थिक सर्वेक्षण में किसानों की कर्ज माफी रोकने और उनकी आमदनी दोगुनी के लिए मशीनीकरण को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है
आर्थिक सर्वेक्षण 2020: खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल से बढ़ी महंगाई
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई 2018 से शहरी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) ग्रामीण सीपीआई से लगातार ऊंची रही है
कोविड-19 की दूसरी लहर ने ग्रामीण भारत को बड़ा नुकसान पहुंचाया
कोविड-19 गांवों में पहुंच चुका है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इतना गहरा असर डाल सकता है कि पिछले साल की तरह उसे बचाना मुश्किल ...
भारत में वापस लौटी सामूहिक गरीबी
दुनिया में सबसे तेजी से गरीबी कम करने वाले भारत में 45 साल के बाद एक साल में सबसे ज्यादा गरीब बढ़े
कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा संकट और दबाव में हैं गांव की महिलाएं : आईएफएडी
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर यूएन की ओर से कहा गया कि इस वक्त देश की सरकारों को सबसे ज्यादा ग्रामीण महिलाओं की सुरक्षा ...
कोविड-19 के कारण लौटे 45 फीसदी प्रवासी उत्तराखंड में रुक सकते हैं: रावत
कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को राज्य में कैसे रोकेगी सरकार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया-
95 फीसदी प्रवासी अपने गांव-घर लौटना चाहते हैं: सर्वे
विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए 31,423 प्रवासियों से बातचीत के बाद एकता परिषद ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की है
तीसरी पीढ़ी का मजदूर दिवस
भारत सहित दुनिया भर में पहली बार मजदूर दिवस, घोषित ‘महामारी और तालाबंदी' के दौरान मनाया जा रहा है
लॉकडाउन में फंसे पुरुष तो महिलाओं ने संभाली कमान
छत्तीसगढ़ की ग्रामीण व वनोपज की अर्थव्यवस्था लगभग 2100 करोड़ की है, जिसे इन दिनों महिलाएं बखूबी संभाल रही हैं
पलायन की पीड़ा-7: एजेंडे में बदलाव की जरूरत
कोरोनावायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन पर बहस छिड़ी हुई है। पलायन के कारण तलाशती एक लेख-
भारत में पढ़ी लिखी महिलाओं में बेरोजगारी दर अधिक: रिपोर्ट
ओईसीडी के इकोनॉमिक सर्वे ऑफ इंडिया में कहा गया है कि भारत में पुरुष और महिलाओं की बेरोजगारी दर के बीच 52 प्रतिशत अंक की ...
दो जून की रोटी से भी महरूम मनरेगा मजदूर
मनरेगा को 12 साल से अधिक का समय गुजर गया है लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ये दो जून की रोटी भी मुयस्सर नहीं ...
पशु व्यापार पर प्रतिबंध से विकराल हो रही है आवारा मवेशियों की समस्या
आवारा मवेशियों की संख्या इस हद तक बढ़ गई है कि फसलों को बचाने के लिए ग्रामीणों को रातभर जागना पड़ रहा है
पांच साल में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले 13.5 करोड़ लोग: नीति आयोग
नीति आयोग की राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांकः एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर ...
मॉनसून 2022: जून में कृषि क्षेत्र में कम हुए करीब 80 लाख मजदूर
धीमे मॉनसून और बुआई का रकबा 15 फीसदी कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मंदी की ओर बढ़ रहा है
सामुदायिक संसाधनों से चारे की 60 प्रतिशत जरूरतें होती हैं पूरी: जोशी
सामुदायिक संसाधनों को विकसित करने की दिशा में कार्यरत फाउंडेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्युरिटी के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी ने राजस्थान जैसे राज्यों में सामुदायिक ...
डीबीटी: गरीब और किसानों के लिए कितनी फायदेमंद
कोविड-19 वैश्विक आपदा के समय में डीबीटी यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन क्या यह फायदेमंद रहा?
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
दो लाख मछुआरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक ये मछुआरे मछली नहीं मार पाए हैं, लेकिन 15 जून से 15 अगस्त तक मछली मारने पर ...
पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ बीते चौथे दिन का हाल-
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
कोरोना महामारी और शराब पर आधारित अर्थव्यवस्था
सड़कों पर दम तोड़ते श्रमिकों का इलाज पानी और भोजन है - यह समझने के लिए शराब के नशे मे डूबे समाज और सरकारों ...