बिहार सरकार का ग्रीन बजट 2020-21: कितना है ग्रीन?
बिहार विधानसभा में राज्य का बजट 2020-21 पेश किया गया, जिसे ग्रीन बजट नाम दिया गया है
मनुष्य और पर्यावरण पर 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में इंदिरा गांधी का भाषण
दुनिया में पहली बार पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वाले स्टॉकहोम सम्मेलन को 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर डाउन टू ...
स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल कुछ खास लोगों का ही इतिहास लिखा गया: पी. साईनाथ
आजादी की कहानियों को जंगलों, गांवों, गृहणियों, किसानों के बीच खोजने की कोशिश है, पी साईनाथ की किताब ‘द लास्ट हीरोज’।
केरल का अरनमुला कन्नडी: एक रूसी का यूक्रेन में अपनी दोस्त के लिए प्यार और शांति का तोहफा
अरनमुला कन्नडी केरल के पत्तनंतिट्टा के एक छोटे से शहर अरनमुला में बना एक हस्तनिर्मित धातु-मिश्रित धातु-दर्पण है। यह केरल का ऐसा पहला उत्पाद ...
क्या असम में बीजेपी के लिए महिला संबंधी कार्यक्रम कारगर रहे?
सबसे चर्चित योजना ओरुनोदोई रही जो निश्चित तौर पर असम की अब तक की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी सरकारी कल्याण कार्यक्रम है।
संसद में आज: जैव-इथेनॉल के उत्पादन के लिए जैव रिफाइनरी
भारत में अब तक, कम लागत, टिकाऊ, संसाधन कुशल और आपदा प्रतिरोधी नवीन तकनीकों का उपयोग कर 6,368 घर बनाएं है।
नौजवानों का एक ऐसा ग्रुप जो देश के छह बड़े शहरों में पहुंचा रहा राशन
लॉकडाउन के बीच देश में यूथ फीड इंडिया नाम से एक कैंपेन चल रहा है। इसके तहत क्राउड फंडिंग करके दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या इसका असर पर्यावरण पर पड़ेगा?
पर्यावरणविदों ने धीरे-धीरे आबादी को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत जताने वाली टिप्पणियों से अब किनारा कर लिया है
‘अमीर बच्चों की संख्या पर नियंत्रण लगाएं’
अमीर बच्चों की संख्या को सीमित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गरीब बच्चों की तुलना में पर्यावरण पर उनका असर कहीं अधिक ...
भारत क्यों है गरीब-9: छत्तीसगढ़ के बीजापुर से पलायन कर रहे हैं लोग
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद राज्य ने काफी तरक्की की, लेकिन यहां के सीमांत और जंगल के बीच बसने वाली ...
तीन दशक में 58 फीसदी बढ़ी प्रवासी बच्चों की संख्या: संयुक्त राष्ट्र
दुनियाभर में तकरीबन 27.2 करोड़ लोग अपने जन्म के देश से बाहर रह रहे हैं और इसमें तकरीबन 3.8 करोड़ बच्चे हैं। मतलब, हर ...
“पुन: इस्तेमाल की अवधारणा भारतीय जीवनशैली का एक अभिन्न अंग रहा है”
“इस्तेमाल करो और फेंको” की जीवन शैली से अलग हट कर एक नए मुकाम की ओर अग्रसर शैलजा रंगराजन
बुजुर्ग हो रही आबादी की सामाजिक सुरक्षा के बारे में फिर से सोचने की जरूरत: संयुक्त राष्ट्र
दुनिया भर में, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या वर्ष 2050 तक मौजूदा 76 करोड़ 10 लाख से बढ़कर, एक ...
बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित आधी आबादी, 200 करोड़ लोगों के लिए भारी पड़ रहा इलाज का बोझ
इलाज पर होता बेतहाशा खर्च करीब 130 करोड़ लोगों को गरीबी के भंवर में धकेल चुका है, वहीं जो लोग पहले ही इसमें फंसे ...
गांधी-दर्शन के अनुशासित सिपाही थे विमल भाई
साठ साल के विमल भाई ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली।
क्या आप जानते हैं विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के बारे में, इसमें क्या-क्या शामिल होता है?
एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार कल के युवाओं की मदद कर सकते हैं
बसंत पंचमी: एक ऐसा त्यौहार जो पर्यावरण में बिखरेता है प्रकृति के रंग
उत्तराखंड में बसंत पंचमी के अवसर पर चौंफुला और झुमेलिया नृत्य किया जाता है
शिक्षा भी है लम्बे जीवन की कुंजी, पढ़ाई पर बिताए हर साल से मृत्युदर में देखी गई दो फीसदी की कमी
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि स्कूल न जाना स्वास्थ्य के नजरिए से एक दशक तक हर दिन दस सिगरेट पीने जितना ...
डाउन टू अर्थ खास: जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्षम हैं हमारे पारंपरिक घर
सीएसई ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तुलनात्मक अध्ययन कैसे भारत में ग्रामीण समुदाय आवास बनाने के लिए स्थानीय सामग्री और निर्माण तकनीकों का ...
आदिवासियों से पूछिए क्या है जीवनशाला की सच्चाई
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी तीन दशक से स्वयं के प्रयास से 7 जीवनशाला स्कूल चला रहे हैं
एक दशक में ग्रीन फाइनेंस में दर्ज की गई 100 गुणा से ज्यादा की वृद्धि
2021 में पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं के लिए ग्रीन बांड, कर्ज और इक्विटी की मदद से करीब 40.8 लाख करोड़ रुपए फाइनेंस किए गए थे
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
जानें, सुशासन में कौन सा राज्य है आगे और कौन पीछे
डाउन टू अर्थ ने केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई दो रैंकिंग-शासन सूचकांक और जल विकास की स्थिति की जांच की
विकास परियोजनाओं पर होने वाली जनसुनवाई अब खत्म होगी?
केंद्र सरकार पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्रकिया में बदलाव कर इस प्रक्रिया को खत्म करने की तैयारी में है
भारत क्यों है गरीब-12: मेवात में मनरेगा से भी नहीं सुधरे हालात
राजधानी दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर मेवात में गरीबी दूर करने में न तो मनरेगा कारगर हुई, न ही वहां उद्योग-धंधे पनप पाए