स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार
सतत विकास लक्ष्यों (एसीडीजी) को हासिल करने में भारत पिछले दो सालों में तीन पायदान नीचे खिसका है
स्कूली शिक्षा से वंचित हैं 24.4 करोड़ बच्चे, लक्ष्य हासिल करने को चाहिए हर साल आठ लाख करोड़ रुपए
शिक्षा की राह में पैसे की सबसे बड़ी किल्लत उप सहारा अफ्रीका में है, जहां बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए लम्बी दूरी तय ...
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: दुनिया भर में 24 करोड़ से अधिक बच्चे और किशोर स्कूल से वंचित
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया भर में 61.7 करोड़ बच्चे और किशोर न बुनियादी गणित कर सकते हैं न ही पढ़ सकते हैं
भारत क्यों है गरीब-6: राष्ट्रीय औसत आमदनी तक पहुंचने में गरीबों की 7 पुश्तें खप जाएंगी
विश्व आर्थिक मंच की हालिया रिपोर्ट कहती है कि सामाजिक गैर-बराबरी से उच्च आर्थिक विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस ...
नए युग में धरती: क्या सतत विकास लक्ष्य आएंगे काम
जैव विविधता के लक्ष्यों से पिछड़ने का मतलब है, गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य, पानी, शहरों, जलवायु, महासागर और भूमि से संबंधित लक्ष्यों में बाधा
भारत क्यों है गरीब-2: नई पीढ़ी को धर्म-जाति के साथ उत्तराधिकार में मिल रही है गरीबी
भारत में पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अगले दो साल में गरीबी को दूर करने का वादा किया है, क्या यह ...
बजट 2022-23: आजादी के 75 साल पूरे होने में केवल 70 सप्ताह बाकी, क्या ‘नया भारत’ बना पाएंगे मोदी
चार ट्रिलियन इकॉनोमी के वादे से लेकर महिलाओं को रोजगार और गरीबी कम करने, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने जैसे लक्ष्यों को ...
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन शुरु करने की मांगी इजाजत
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी बेरोजगारी को दूर करने के लिए संवेदी ...
कमल के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा बनाम प्लास्टिक
शादियों में भोजन कराने के लिए कमल के पत्तों का इस्तेमाल होता था। पूड़ियां और सूखी सब्जी कमल के पत्तों पर परोसी जाती थी ...
चैंपियंस ऑफ द अर्थ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए सर डेविड एटनबरो
सर डेविड एटनबरो को यह पुरस्कार, पर्यावरण संरक्षण और उसकी बहाली के प्रति उनके जीवनभर के समर्पण को देखते हुए दिया गया है
सतत विकास लक्ष्य: साढ़े तीन दशक पीछे चल रहा है एशिया-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन के मामले में 6 अंक पिछड़ा भारत
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के मामले में भारत की स्थिति पहले से बदतर हो गई है
सामाजिक और पर्यावरण से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रही बड़ी फैशन कंपनियां
इस इंडेक्स में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अमेरिकी कंपनी अंडर आर्मर है, जिसे कुल 9 अंक मिले हैं जबकि उसके बाद स्विस फर्म ...
2030 तक अपने 10 फीसदी एसडीजी लक्ष्यों को भी हासिल नहीं कर पाएंगे एशियाई देश: संयुक्त राष्ट्र
यदि विकास मौजूदा रफ्तार से चलता रहा तो अनुमान है कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र 2030 तक अपने 10 फीसदी एसडीजी लक्ष्यों को भी हासिल नहीं ...
न्यूजीलैंड ने पेश किया वेलबीइंग बजट, क्या भारत लेगा सबक?
न्यूजीलैंड ने आर्थिक विकास के बुलबुले को पहचान लिया है। लोक कल्याण की कीमत पर आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में शामिल देशों को न्यूजीलैंड ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या आबादी वाकई विस्फोट के कगार पर है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है दूसरी ...
अंग्रेजी हुकूमत में कैसे डूबी अर्थव्यवस्था
औरंगजेब के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत जो अंग्रेजी शोषण से तीन प्रतिशत हो गई
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
समावेशी विकास की ओर जाना होगा
सरकार अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने के लिए जितना काम करती है, परिस्थितियां लोगों को गैरकानूनी और अनौपचारिक व्यापार अपनाने को उतना मजबूर करती ...
पुस्तक समीक्षा: गांधी सियासत और सांप्रदायिकता, एकता का पुनर्पाठ
किताब शुरू से अंत तक सांप्रदायिकता के विरुद्ध महात्मा गांधी के अभियान और उनकी पीड़ा को व्यक्त करती है
भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर है भारत, एक अंक का सुधार
भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 85वें पायदान पर जगह मिली है। इससे पहले ...
दुनिया की 43 फीसदी नदियों में दवाओं की खतरनाक मात्रा पाई गई: अध्ययन
104 देशों में किए गए अध्ययन में मूल्यांकन किए गए 1,052 जगहों में से लगभग 43.5 फीसदी में दवा सामग्री पाई गई।
मानव विकास सूचकांक में एक पायदान लुढ़का भारत, 189 देशों की रैंकिंग में 131 वें स्थान पर पहुंचा
मानव विकास सूचकांक की 189 देशों की इस लिस्ट में भारत को 131 वां स्थान दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष (2018 में) भारत ...
स्थानीयकरण की दस्तक
2017 में हमें निरंकुश उपभोक्तावाद पर टिके विकास के मॉडल पर विचार करना चाहिए। गरीबों की छोड़िए, ये अमीरों के भी काम का भी ...
भारत में जनसंख्या की रफ्तार स्थिर, क्या फिर भी है कड़े कानून की जरूरत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सलाह दी है। क्या देश को वाकई ...
नजरिया: नस्लवाद का वैज्ञानिक आधार नहीं
आज दुनियाभर में ऐसे दलों का प्रादुर्भाव हो चुका है जो न केवल नस्लभेद के विज्ञान का अभूतपूर्व समर्थन कर रहे हैं बल्कि इसके ...