जग बीती: गरीबी हुई कम!
दुनिया भर में बोली जाने वाली 7000 भाषाओं में से 45 फीसदी हो सकती है लुप्त
आज भी दुनिया भर में 40 प्रतिशत, कुछ क्षेत्रों में 90 फीसदी से अधिक आबादी की उस भाषा में शिक्षा तक पहुंच नहीं है ...
वर्तमान आर्थिक मॉडल से बढ़ गई असमानता, भारत बना उदाहरण
विश्व में गैर बराबरी का स्तर वही है जो 200 साल पहले था। लोकतांत्रिक ढांचे ने इसे पाटने में विशेष भूमिका नहीं निभाई है
भाषाओं का सिकुड़ता संसार: सदी के अंत तक गुमनामी के अन्धकार में खो जाएंगी दुनिया की 1,500 भाषाएं
दुनिया में 7,000 से ज्यादा ज्ञात भाषाएं हैं, वर्तमान में जिनमें से करीब आधी खतरे में हैं
अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस 2022: आपको क्यों है जानना जरूरी?
इस साल यानी 2022 में यूनाइटेड नेशंस माइन एक्शन सर्विस "सेफ ग्राउंड, सेफ स्टेप्स, सेफ होम" या सुरक्षित जमीन, सुरक्षित कदम, सुरक्षित घर थीम ...
भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात
गरीबी में और धंस गए भारत की बदहाली का चेहरा हैं फनस पुंजी, जिनकी अगली पीढ़ियां भी उन्हीं की तरह गरीबी में जी रही ...
भारत के दो और तटों को मिला प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग प्रमाणन, जानें क्या है यह प्रमाणन
भारत के दो और तटों कोवलम और ईडन को 'ब्लू फ्लैग' प्रमाणन दिया गया है, जोकि सारे देश के लिए गर्व की बात है। इससे पहले पिछले ...
टोक्यो ओलंपिक की सस्टेनिबिलिटी ऑडिटिंग रिपोर्ट पर सवाल
जापान ओलंपिक समिति ने आईओसी की निगरानी में तमाम प्रकार के पर्यावरणीय नुकसान को बचाने और शहरी विरासत को नुकसान पहुंचाए बिना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार ...
भाषाओं का सिमटता संसार, हर साढ़े तीन माह में मर रही है एक भाषा
इस समय दुनिया एक ऐसी त्रासदी से गुजर रही है, जिस पर बहुत कम लोगों का ध्यान है। यह त्रासदी भाषाओं की गुमनाम मृत्यु ...
भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में 86वें पायदान पर भारत
इस इंडेक्स में भारत को कुल 40 अंक दिए गए हैं| यदि 2019 के लिए जारी इंडेक्स को देखें तो उसमें भारत को 41अंकों ...
मानव विकास सूचकांक में पिछड़ा उत्तराखंड
राज्य गठन के 18 वर्ष के सफर में उत्तराखंड अपने युवावस्था में प्रवेश कर चुका है। क्या इन अठारह वर्षों में राज्य सही दिशा ...
एसओई इन फिगर्स 2022: कृषि प्रधान देश में कर्ज के बोझ तले दबे हैं 50 फीसदी कृषक परिवार
भारत में औसतन हर कृषक परिवार पर 74,000 रुपए से ज्यादा का कर्ज है। विडम्बना देखिए कृषि प्रधान इस देश में हर दिन औसतन ...
क्या 2022 में घटेगी गरीबी और असमानता की खाई, या वर्षों की मेहनत हो जाएगी जाया
52 फीसदी आय पर काबिज है वैश्विक आबादी का 10 फीसदी सबसे अमीर वर्ग, वहीं 50 फीसदी सबसे कमजोर तबके की आबादी के पास ...
विकास या विनाश: नदी मुहानों को लील रहा इंसानी लालच, 35 वर्षों में ढाई लाख एकड़ क्षेत्र को किया तब्दील
मनुष्यों ने वैश्विक स्तर पर भूमि सुधार और बांधों के निर्माण के नाम पर 44 फीसदी नदी मुहानों को बदल दिया है
गरीबों के नाम रहेगा 2020
नए साल में देश में गहराई से जड़ें जमा चुकी असमानता फिर चर्चा में आएगी
भारत कोकिला के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू की याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस
सरोजिनी नायडू एक प्रतिभाशाली राष्ट्रीय नेता, एक स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रसिद्ध कवयित्री थीं, उन्हें 'भारत कोकिला' के नाम से जाना जाता था।
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2022: जातिवाद खत्म कर और शांति बनाएं
संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और नस्ल की परवाह किए बिना फल-फूल ...
बैठे ठाले: गरीबी अच्छी है!
“सरकार की कौशल-विकास नीति के तहत भिखारी बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे आज हजारों-लाखों लोग स्व-रोजगार कर रहे हैं”
उत्तराखंड का फूलदेई पर्व: जो इशारा करता है कि, प्रकृति के बिना इंसान का अस्तित्व नहीं
यह त्योहार उत्तराखंड राज्य के फसल उत्सव के रूप में जाना जाता है, फूलदेई एक शुभ लोक त्यौहार है जो राज्य में वसंत ऋतु ...
आर्थिक वृद्धि के मॉडल में करने होंगे बदलाव
हमने ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम से कम घटाने के लिए स्मार्ट तरीके खोजने में बेहद कीमती समय गंवा दिया
62 फीसदी पुरुषों की तुलना में दुनिया की केवल 57 फीसदी महिलाएं कर रही हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट के क्षेत्र में आई क्रांति के बावजूद अभी भी दुनिया की करीब 37 फीसदी आबादी इंटरनेट से दूर है। यदि उनकी कुल संख्या की बात ...
कितनी सफल रही सांसद आदर्श ग्राम योजना
देश भर में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 77,457 परियोजनाएं शुरु की गई थी जिनमें से 63.25 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं
भूख का सामना कर रहे हर पांचवे अमेरिकी ने निभाई राष्ट्रपति चुनाव में भूमिका!
कोविड-19 महामारी से पहले अमेरिका में वर्ष 2019 में लगभग 10.5 प्रतिशत परिवार खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे
कोविड-19 संकट के बाद मिलकर बनाना होगा एक बेहतर कल
कोविड -19 केवल एक भूल या दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह उन कार्यों का एक परिणाम है जो हमने एक ऐसी दुनिया के निर्माण ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: महत्वपूर्ण सवालों पर नहीं हो रही बहस
वस्तुतः भारत जनसंख्या को स्थिर करने की राह पर है। इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण को सुनिश्चित करने के लिए दंडात्मक उपायों की शुरुआत पर जोर ...