एनजीटी : तेलंगाना पर 3800 करोड़ रुपए का जुर्माना, सीवेज और कचरा निस्तारण न करने पर लगेगा यह फार्मूला
तेलंगाना पर 2 करोड़ रुपए प्रति एमएलडी सीवेज और 300 करोड़ रुपए प्रत्येक टन ठोस कचरे के हिसाब से यह पर्यावरणीय जुर्माना तय किया ...
दक्षिण भारत में तेजी से बंजर हो रही है उपजाऊ भूमि
2011 से 2013 के बीच आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में इन राज्यों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का क्रमशः 14.35, 36.24 और 31.40 प्रतिशत ...
मूंगफली की नई किस्मों को बढ़ावा देने के लिए इक्रीसेट की नई पहल, किसानों को होगा फायदा
तेलंगाना सरकार द्वारा समर्थित इस पहल का उद्देश्य मूंगफली उत्पादन का विस्तार करना है। वर्तमान समय में तेलंगाना में तीन लाख हेक्टेयर भूमि पर ...
स्वच्छता की राह नहीं है आसान
तेलंगाना राज्य शहरों से निकलने वाले अलग-अलग कचरे व मलबे के प्रबंधन में जुटा है, लेकिन इसके लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ ...
डाउन टू अर्थ की व्याख्या: क्या है बादल फटने का विज्ञान
बाढ़-प्रभावित भद्राचलम के दौरे पर गए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल फटने के पीछे ‘विदेशी साजिश’ हो सकती है
अगले 48 घंटों के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात बनने के आसार
चक्रवाती प्रसार को देखते हुए, मौसम विभाग ने 19 से 22 जुलाई तक ओडिशा में भयंकर या भारी से बहुत भारी बारिश होने के ...
क्या जंगल में लगने वाली आग के चलते भारत में घट सकता है सौर ऊर्जा उत्पादन
शोध के मुताबिक बादलों और वातावरण में मौजूद एरोसोल के साथ-साथ जंगल में लगने वाली आग भी सौर ऊर्जा उत्पादन को कम करने में ...
तेलंगाना में सिजेरियन डिलीवरी की मदद से हुए थे 60 फीसदी से ज्यादा जन्म: सीएसडी
तेलंगाना के करीमनगर में सी-सेक्शन की मदद से जन्में बच्चों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 82.4 था, जबकि इसके विपरीत कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में ...
भारत के 34.6 फीसदी ग्रामीण घरों तक पहुंच चुका है नल जल
देश के 2 राज्यों, 52 जिलों, 663 ब्लॉक, 40,086 पंचायतों और 76,196 गांवों के 100 फीसदी घरों तक नल के जरिए पीने का साफ़ ...
मार्च में बिजली गिरने से देश के 12 राज्यों में गई 60 की जान, भारी बारिश से हुई छह लोगों की मौत
12 राज्यों में वज्रपात की इन घटनाओं में करीब 60 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जो मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा थी। जहां छह ...
मॉनसून 2023: क्या लंबी अवधि के सूखे की भविष्यवाणी कर सकता है भारत?
एक नए डीप लर्निंग मॉडल से पता चला है कि 2027 तक देश के कई महत्वपूर्ण हिस्से सूखे की चपेट में होंगें
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: 4 नवंबर 2020
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: 21 अगस्त 2020
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में बीते सप्ताह क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें –
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: पुजल झील में बायोमेडिकल कचरा डालने के संबंध में टीएनपीसी ने एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट
विश्व जल सप्ताह 2023: क्या 2024 तक हर घर नल जल की व्यवस्था कर पाएगा जल जीवन मिशन
योजना तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण भारत का एक बड़ा हिस्सा अभी भी कवर किया जाना बाकी है
पानीदार भारत और सूखे का बढ़ता संकट
मॉनसून की शुरुआत के बाद सूखे की चर्चा अटपटा जरूर है, पर जलवायु परिवर्तन के दौर में बिगड़ता मॉनसून का स्वरूप सूखे के दायरे और ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: तेलंगाना में सिंचाई योजना का आकलन करेगी समिति
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें
कोरोनावायरस से निपटने के लिए देश में नई राष्ट्रीय योजना की जरुरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को दिए अपने आदेश में साफ कर दिया है कि देश में कोरोनावायरस से निपटने के लिए अलग से ...
ग्रामीण भारत में मोटे और कुपोषित क्यों हो रहे हैं लोग, एक अध्ययन में चला पता
यह अध्ययन भारत के ग्रामीण स्वास्थ्य संकट को उजागर करता है, जिसमें ग्रामीण मोटापे और कुपोषण के बढ़ने के कारणों की पड़ताल की गई ...
भारत में सूखे की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं किसान, मनरेगा बचा सकती है जान: रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ का तीन चौथाई से अधिक, और महाराष्ट्र का करीब दो तिहाई हिस्सा ऐसा है जहां सूखा पड़ने की आशंका बहुत ज्यादा है
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: पर्यावरण के अनुकूल नहीं है तारापुर औद्योगिक क्षेत्र का सीईटीपी
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें –
तय मानकों से अधिक पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं 50 फीसदी थर्मल पावर प्लांट: सीएसई
2017 से पहले के थर्मल प्लांट को 3.5 क्यूबिक मीटर प्रति मेगावाट और 2017 के बाद के प्लांट को 3 क्यूबिक मीटर पानी की ...
लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह गई थी स्लमों में रहने वाली दो-तिहाई किशोर बच्चियां
सर्वे में 78 फीसदी माओं ने माना कि लॉकडाउन के दौरान उनकी किशोर बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन मिलने में कठिनाई हुई थी
हानिकारक रसायनों के लिए आपातकालीन योजनाओं को जल्द अंतिम रूप दें टीएनपीसीबी: एनजीटी
सीईसी को एड हॉक की जगह स्थाई बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए पर्यावरण मंत्रालय: सुप्रीम कोर्ट
सीईसी पिछले दो दशकों से खनन और वनों के भीतर परियोजनाओं को दी जाने वाली अनुमति से जुड़े मामलों में न्यायालय की मदद कर ...