विशेष पिछड़ी जनजातियां : अस्तित्व और अधिकारों के अनुत्तरित सवाल
विशेष पिछड़ी जनजातियों के पर्यावास क्षेत्र के अधिकारों पर भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित अधिकांश राज्य सरकारें तक मौन हैं
आखिर विकास हो किसका रहा है?
क्या खनन से होने वाले प्राकृतिक विनाश की हम पूरी तरह से भरपाई कर पाएंगे?
मूल निवासियों के भविष्य को खतरे में डाल रही हैं औद्योगिक परियोजनाएं: रिपोर्ट
रिपोर्ट में मूल निवासियों पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन सी169 और मूल निवासियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा की अनदेखी का ...
डाउन टू अर्थ खास: खानपान में बदलाव से कम हो रही है आदिवासियों की उम्र!
खानपान में परिवर्तन और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच न होने के कारण आदिवासी आबादी की जीवन प्रत्याशा में कमी आ रही है
यात्रा वृतांत: उत्तराखंड का यह गांव, जहां से युवा नहीं करते पलायन
उत्तराखंड के गांव के गांव खाली हो रहे हैं। सबसे पहले युवा रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं, लेकिन इन गांवों में ऐसा ...
बिरसा मुंडा के वंशजों का हाल, अधिग्रहित की 27 डिसमिल जमीन, वापस की 12.5 डिसमिल
धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन उनके वंशज ही बदहाली में जी रहे हैं
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
खानाबदोश: कल के विरुद्ध खड़ा बेपनाह समाज
वर्ष 2011 में 46,73,034 जातियों-उपजातियों को तो चिन्हित किया गया, लेकिन लाखों खानाबदोश, तब भी इन सामाजिक वर्गीकरणों में भूले-बिसरे ही रह गये
जय भीम: सत्य और फंतासी के बीच झूलती एक कहानी
गणतंत्र को बचाने के लिए कभी-कभी तानाशाही की जरूरत पड़ती है, ऐसी समझ वाले लोगों को जवाब दे रही है जय भीम
भाषा के साथ खत्म होती हैं अनुभूतियां
जरूरी नहीं है कि लिखित भाषाएं ही परिपक्व हों, हमारी बहुत सी भाषाएं वाचिक साहित्य का हिस्सा हैं - अन्विता अब्बी
भारत में हर घंटे 22 लोग जबरन घर से निकाले गए : रिपोर्ट
एचएलआरएन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन सालों में 5.68 लाख लोग बलपूर्वक आवास से बेदखल किए गए
झारखंड: स्मार्ट सिटी के नाम पर तोड़े आदिवासियों के घर, उखाड़े पेड़
रांची के धुर्वा में 650 एकड़ भूमि पर स्मार्ट सिटी विकसित की जा रही है
मेरी जुबानी: आदिवासियों से सीखी लैंगिक समानता
औरतों की ऐसी आजादी के उदाहरण मैंने विकसित देशों में भी नहीं देखे थे
आदिवासियों से पूछिए क्या है जीवनशाला की सच्चाई
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी तीन दशक से स्वयं के प्रयास से 7 जीवनशाला स्कूल चला रहे हैं
पद्मश्री पाने के बाद क्यों बढ़ गई इन आदिवासियों की आर्थिक बदहाली?
आदिवासी वर्ग को पद्मश्री तो मिल जाता है, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इसके बाद उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं
संसद में आज:भारत में साल 2020 में बिजली गिरने से 2862 लोगों की मौत हुई
राजस्थान में अवैध खनन के वर्ष 2019 से अक्टूबर 2021 तक 28,714 घटनाएं दर्ज की गईं
जंगल के घरों की दीवारों से निकल कर शहरी कद्रदानों की बैठकी तक पहुंच गई है भील चित्रकारी
आदिवासी समुदाय के कुछ चित्रकार इस शैली को खत्म होने से बचाने के लिए पूरी दुनिया में इस कला को लोगों के बीच बांट ...
विकास के आखिरी पायदान पर खड़े हैं आदिवासी: रिपोर्ट
पहली जनजातीय विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कारणों के चलते विकास आदिवासियों तक पहुंच नहीं पाता है
गढ़वा भुखमरी मामला: मानवाधिकार आयोग ने डीएम को तलब किया
अक्टूबर 2021 में गढ़वा जिले में 8 हजार आदिवासियों को तीन महीने तक भुखमरी का सामना करना पड़ा था
धरती का केवल 2.8 फीसदी हिस्सा ही रह गया है अनछुआ, पिछले अनुमान से 10 गुना है कम
जो क्षेत्र आज भी अनछुए हैं उनका केवल 11 फीसदी हिस्सा संरक्षित क्षेत्रों के अंदर आता है| इनमें काफी क्षेत्र ऐसे हैं जो आज ...
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है
संसद में आज: पोलावरम बांध के कारण 1,64,752 आदिवासियों का हुआ विस्थापन
पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील में बाजरे के उपयोग की हुई शुरुआत
आदिवासियों पर ऐतिहासिक अन्यायों के अर्थ और अनर्थ
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भारत में आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय पर विशेष आलेख
झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध क्यों कर रहे आदिवासी संगठन
झारखंड में लंबे वक्त से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध कर रहे है आदिवासी संगठनों ने चुनाव की अधिसूचना के बाद इस मुहिम को ते
स्वदेशी और स्थानीय ज्ञान प्रणालियों के नुकसान के होंगे हानिकारक प्रभाव: वैज्ञानिक
स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों की ज्ञान प्रणाली और प्रथाएं हमारी धरती की जैविक और सांस्कृतिक विविधता की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाती ...