कोरोना संकट: दूर हुए सतत विकास के लक्ष्य
गरीबी और भूख मिटाने के सतत विकास लक्ष्यों को कोरोनावायरस की महामारी ने और मुश्किल बना दिया है
महामारी के बाद बढ़े अवसर, लेकिन अभी भी 25 वर्ष से कम उम्र के 42.3 फीसदी ग्रेजुएट हैं बेरोजगार
छह से 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए 37 फीसदी महिलाएं जहां सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करती हैं, वहीं इस दूरी की यात्रा के ...
बिहार चुनाव में क्यों पीछे छूट गए असली मुद्दे
मानव विकास सूचकांक में आखिरी पायदान पर खड़े बिहार में आजीविका, पलायन, खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे सवालों का पीछे छूट जाना नाउम्मीद करता ...
बिहार चुनाव: न मनरेगा, न गरीब कल्याण रोजगार योजना आई काम
बिहार के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, जबकि पहले से लागू योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई
फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा रही हैं जलवायु अनुकूलन के लिए बनाई परियोजनाएं
जलवायु परिवर्तन और उससे उपजे संकट से निपटने के लिए शुरु की गई परियोजनाएं हाशिए पर रहे लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा रही ...
नहीं मिली सरकारी मदद, कोरोना से उपजे आर्थिक संकट के सामने असहाय 270 करोड़ लोग
ऑक्सफेम की नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की एक तिहाई आबादी को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है
पर्यावरण के लिए नुकसानदेह सब्सिडी को खत्म करके मिल सकते हैं 3.9 करोड़ नए रोजगार
हर साल दुनिया भर की सरकारें करीब 37.2 लाख करोड़ रुपए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों के लिए सब्सिडी के रूप में दे ...
कोविड-19 दुनिया के आधे युवाओं को बेचैनी और अवसाद में डाल सकता है : आईएलओ
युवा कोरोनावायरस महामारी के कारण अनिश्चितताओं से घिरे हैं, 38 प्रतिशत भविष्य में नौकरियों के प्रति आशंकित हैं
गरीबों को न्यूनतम आय गारंटी दी जाए
न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू होती है तो गरीबों की सुरक्षा के लिए पैसा ट्रांसफर के काम में तेजी लाने की आवश्यकता होगी
मनरेगा में काम के दिन बढ़ने चाहिए : पूरन चंद्र किशन
राजस्थान में अप्रैल 2020 से 21 जुलाई तक 57.34 लाख परिवारों के 77.17 लाख लोगों को रोजगार मिला है
क्या देश में शहरी रोजगार गारंटी कानून से बदलेंगे हालात?
देश में शहरी रोजगार गारंटी कानून आए, इसके लिए पिछले साल राज्यसभा में संसद सदस्य बिनॉय विश्वम ने एक निजी विधेयक पेश किया
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-3: बिहार में मजदूरों को मांग के मुताबिक नहीं मिल रहा काम
दूसरे राज्यों को सस्ता मजदूर मुहैया कराने वाले शीर्ष राज्यों में शुमार बिहार में मजदूरों की मांग के मुताबिक महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी ...
कौन लिख रहा है किसानों का मर्सिया
एक किसान के पास अब निवेश के लिए आधार पूंजी भी नहीं है और न ही उसमें कृषि क्षेत्र में वापस जाने के लिए ...
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: कहां हुई चूक?
40 करोड़ युवाओं के कौशल में विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन...
कामकाज के दौरान आंखों की देखभाल जरूरी, रोजगार के चलते 1.3 करोड़ लोगों को हैं नजर में दिक्कत
जिन श्रमिकों को दृष्टि सम्बन्धी विकार होते हैं, उन्हें दूसरे कामगारों की तुलना में रोजगार मिलने की सम्भावना 30 फीसदी तक कम होती है
कोविड-19: आसान नहीं है महामारी से उबरने की डगर, अमीर-गरीब के बीच की खाई है बड़ी समस्या
एक तरफ उच्च आय वाले देश हैं जहां की 67 फीसदी से ज्यादा आबादी का टीकाकरण पूरा हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ पिछड़े ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
कॉप 27: जलवायु में बदलाव से सुंदरवन को 40 साल में हुआ दो लाख करोड़ का नुकसान
पिछले 25 वर्षों में यहां रहने वाले 62 प्रतिशत लोगों ने अपनी मूल आजीविका खो दी है और 15 लाख लोगों को यहां से ...
कोरोना से ज्यादा खतरनाक है जलवायु परिवर्तन: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
रिपोर्ट में पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को हो रहे नुकसान को सबसे बड़ा खतरा माना है| यह ऐसी ...
पढ़े-लिखे युवाओं को भी भा रहा है मनरेगा
राजस्थान में मनरेगा साइट पर काम की देखरेख करने के लिए पढ़े लिखे युवाओं की तैनाती की जा रही है
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022: भारत के लिए ये हैं 5 सबसे बड़े खतरे, दूसरे देशों से हैं अलग
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में पर्यावरण से जुड़े संकटों जैसे जलवायु परिवर्तन, चरम मौसम और जैव विविधता को हो रहे नुकसान को दुनिया के लिए ...
गहरे सदमे में है भारतीय अर्थव्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि वहां ज्यादातर अनौपचारिक और कम कमाई करने वाली मजदूर रहते ...
महामारी के दौरान भूख और गरीबी के बीच हर 30 घंटे में पैदा हुआ एक नया अरबपति: ऑक्सफैम रिपोर्ट
महामारी के दौरान हर 33 घंटे में 10 लाख की दर से और 26.3 करोड़ लोग गंभीर रूप से गरीबी का शिकार हुए
संसद में आज (24 मार्च 2022): सदन में महिला प्रतिनिधियों की संख्या सबसे अधिक
7 राज्यों में स्थित 223 मौजूदा बड़े बांधों का व्यापक रूप से ऑडिट किया गया और 2,567 करोड़ रुपये की लागत से उनका पुनर्वास ...
कोविड-19 ने बिखेर दिया लोगों की आजीविका, सेहत और खाने-पीने की प्रणाली
कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य प्रणालियों और काम की दुनिया में एक अभूतपूर्व चुनौती ...