कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक आपके लिए क्यों है जरूरी?
कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक से शरीर को पहले टीके की तुलना में कहीं अधिक फायदा होता हैं शरीर में एंटीबॉडी स्तरों में कई ...
क्यों कुछ लोगों में वैक्सीन लगने के बाद भी नहीं होती एंटीबॉडी विकसित, वैज्ञानिकों ने लगाया पता
अध्ययन के अनुसार शरीर में मेटाबॉलिक हार्मोन 'लेप्टिन' की कमी इसके लिए जिम्मेवार है
कोविड-19 चुनौती-2021: भारत को उठना होगा
भारत को खुद की पहचान वैक्सीन उत्पादन का वैश्विक हब के रूप में बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी
बच्चों में मिले पोलियो जैसी बीमारी को पहचानने वाले दुर्लभ एंटीबॉडी
वैज्ञानिकों ने बच्चों में एक ऐसे एंटीबॉडी ढूंढ़ निकाला है, जिसकी मदद से पोलियो जैसी बीमारी को पहचाना जा सकेगा
कोविड-19 के चलते इस साल पर्यटन को हुआ 150 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान
2019 के दौरान वैश्विक जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी करीब 4 फीसदी की थी जो 2020 में घटकर 1.8 फीसदी रह गई थी। वहीं ...
जी-20: विकसित देशों ने कोविड-19 वैक्सीन बांटने का आग्रह किया
वैक्सीन के असमान वितरण से दुनिया में हर मिनट जा रही सात लोगों की जान, उपयोग में न लाने पर अगले कुछ सप्ताह में ...
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-2 : अरुणाचल में कैसे बिगड़े हालात
डाउन टू अर्थ ने कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों की जमीनी पड़ताल की। इस भाग में पढ़ें, अरुणाचल प्रदेश का हाल-
कोविड-19: व्यवस्था में चली परिवर्तन की बयार
एक तरफ इस महामारी ने जहां कहीं अधिक राजनैतिक हिंसा को हवा दी है, लोगों में विरोध बढ़ा है, साथ ही इसके चलते सरकारों को भी ...
टीके से काफी दूर है ग्रामीण जनता : उत्तर प्रदेश ने वैक्सीन और ऑक्सीजन कंटेनर के लिए जारी किया ग्लोबल टेंडर
अभी तक 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली, मेरठ, कानपुर नगर, प्रयागराज में ही सीमित नगरीय बूथ पर हो रहा था।
लॉकडाउन का असर मध्यप्रदेश के नवजात बच्चों पर भी, संस्थागत प्रसव में कमी
मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी इलाकों में कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और महिलाओं को मिलने वाले पोषण आहार में कमी आई ...
निमेसुलाइड पर क्यों नहीं लगाया प्रतिबंध, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा सवाल
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत सरकार से दवा 'निमेसुलाइड' पर प्रतिबंध न लगाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है
कोविड-19: वैक्सीन की दोनों खुराक के बाद भी धीरे-धीरे बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा
फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 90 दिनों के बाद से कोविड-19 संक्रमण के जोखिम में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई थी
प्लेग के खिलाफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने शुरू किया नए टीके का परीक्षण
यह टीका सीएचएडीओएक्स1 एडेनोवायरस वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसका सफल उपयोग ऑक्सफोर्ड की कोरोनावायरस वैक्सीन में भी किया गया था
कोविड-19 वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर नहीं पड़ता कोई नकारात्मक प्रभाव: डॉ नरेन्द्र कुमार अरोड़ा
डॉ. अरोड़ा ने इंडिया साइंस चैनल को दिये साक्षात्कार में कोविड-19 टीकाकरण अभियान से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बात की है, आइए पढ़ते हैं उनसे बातचीत ...
तफ्तीश : कितना बड़ा है कोविड - 19 टीके का संकट
आखिर कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीन के मामले में भारत की क्या स्थिति है
क्या होती है हर्ड इम्युनिटी? कोविड-19 से निपटने में कैसे हो सकती है मददगार?
दुनिया भर में कोविड-19 के समाधान के रूप में हर्ड इम्युनिटी को लेकर बहस जारी है। आइए जानते हैं क्या होती है हर्ड इम्युनिटी और ...
भविष्य में वैक्सीन के प्रभाव को कम कर सकती है बच्चों में आयरन की कमी
दुनियाभर में 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 42 फीसदी बच्चे और 40 फीसदी गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी है
संसद में आज: इस साल केरल में डेंगू के सबसे अधिक 5,479 मामले सामने आए
भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के 33.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं और 15-49 वर्ष की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं
जानिए क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, जिसके चलते पेरू में लगाना पड़ा स्वास्थ्य आपातकाल
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ा एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही स्वस्थ तंत्रिकाओं (नर्व्स) पर हमला करने ...
'टी कोशिकाओं' को ओमिक्रॉन से मुकाबला करना सिखाती है कोरोना वैक्सीन अध्ययन
अध्ययन से पता चलता है कि टीकाकरण वाले लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण से गंभीर बीमारी होने के आसार कम हो जाते हैं
संसद में आज: कोविड में ऑक्सीजन की कमी से कितनों की मौत, सरकार को नहीं पता
राज्य मंत्री ने बताया कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण से संबंधित ...
क्या सच में हवा के जरिए फैल रहा है कोरोना? लैंसेट में सामने आए पुख्ता सबूत
मेडिकल जर्नल लैंसेट में दावा किया गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि कोविड-19 हवा के जरिए फैल रहा है
गरीब देशों की 90 फीसदी आबादी को अगले साल तक नहीं मिल पाएगी कोरोना वैक्सीन, जानें क्यों?
पीपुल्स वैक्सीन एलायंस की मानें तो लगभग 67 गरीब देश अगले साल तक अपने केवल दस में से एक नागरिक को कोरोना की वैक्सीन ...
मलेरिया के टीके का असर जल्दी खत्म क्यों हो जाता है: शोध
मलेरिया को नियंत्रित करने में प्रभावशाली सफलताओं के बावजूद, दुनिया भर में अभी भी हर साल 6 लाख से अधिक लोग उष्णकटिबंधीय इलाकों में ...
जमाखोरी करने के बाद 241 मिलियन से ज्यादा कोविड वैक्सीन बर्बाद करने की तैयारी में विकसित देश
विकासशील और गरीब देशों में।अतिरिक्त वैक्सीन को दोबारा बांटकर 2022 के मध्य तक दस लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है