एशियन टाइगर मच्छर से कम है जीका वायरस के प्रकोप का खतरा
एक नए अध्ययन के अनुसार एशियन टाइगर मच्छर, जीका वायरस की महामारी के लिए एक बड़ा खतरा नहीं है।
स्मार्टफोन ऐप से लगेगा मच्छरों का पता, मलेरिया से निपटने में मिलेगी मदद
इस तकनीक को ड्रोन और सैटेलाइट इमेज के साथ जोड़ा जाता है, जिससे पहले से अज्ञात मच्छरों के प्रजनन के स्थानों की पहचान की ...
विश्व शहर दिवस: 2050 तक शहरों में रहने लगेंगे 10 में से 7 लोग
आज दुनिया की लगभग 55 प्रतिशत आबादी कस्बों और शहरों में रहती है, शहरीकरण का स्तर 2050 तक लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंचने का ...
जलवायु परिवर्तन की वजह से सर्दियों में भी बढ़ रहा है मच्छरों का प्रकोप:अध्ययन
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि गर्म होती सर्दियों के चलते मच्छर अधिक सक्रिय हो गए हैं तथा ठंड के मौसम में भी ये ...
विश्व मलेरिया दिवस : नेपाल-भूटान समेत 25 देशों को मलेरिया मुक्त करने के लिए डब्लूएचओ ने शुरु की नई पहल
जिन देशों को मलेरिया से निजात मिली है, उन देशों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को लेकर मजबूत प्रणाली है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों ...
माइक्रोब की हुई खोज, मलेरिया फैलने से रोकने में मिल सकती है कामयाबी
अध्ययन में पाया गया कि माइक्रोस्पोरिडिया एमबी नामक सूक्ष्म जीव प्रजनन के दौरान एक मच्छर से दूसरे मच्छर में जा सकता है। यह संक्रमित ...
वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रोटीन की पहचान की, मलेरिया की नए तरीके से उपचार में मिलेगी मदद
मलेरिया परजीवी के इन प्रक्रियाओं को समझने से यह जानने में मदद मिलेगी कि वह पर्यावरणीय गड़बड़ी के अनुरूप कैसे ढलता है।
विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया की वजह से हर साल मर जाते हैं 6 लाख से अधिक लोग
कोरोना के कारण 2030 तक दुनिया भर में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर को 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा कम करने का लक्ष्य ...
जियो-इंजीनियरिंग से एक अरब लोग मलेरिया की जद में आ सकते हैं: अध्ययन
जियो-इंजीनियरिंग का उपयोग करके उष्णकटिबंधीय इलाकों को ठंडा करना भविष्य के सापेक्ष कुछ स्थानों में मलेरिया के खतरे को बढ़ा सकता है
मलेरिया के टीके का असर जल्दी खत्म क्यों हो जाता है: शोध
मलेरिया को नियंत्रित करने में प्रभावशाली सफलताओं के बावजूद, दुनिया भर में अभी भी हर साल 6 लाख से अधिक लोग उष्णकटिबंधीय इलाकों में ...
संसद में आज: सरकार को नहीं पता, देश में कितने हैं भूमिहीन खेतिहर मजदूर
भारत प्रमाणित जैविक क्षेत्र के मामले में 5वें स्थान पर है और दुनिया में जैविक किसानों के मामले में पहले स्थान पर है।
अब जांच के 30 मिनट बाद मिल जाएगी मलेरिया की रिपोर्ट
वैज्ञानिकों की एक टीम ने मलेरिया के लिए एक परीक्षण किट विकसित की है जो 30 मिनट में परिणाम बता देती है।
मलेरिया के कारण हर 50 सेकंड में जा रही है एक व्यक्ति की जान
2020 में मलेरिया के चलते दुनियाभर में 627,000 लोगों की जान गई थी, जोकि पिछले साल के मुकाबले 69,000 ज्यादा है
मलेरिया को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है जीनोम सिक्वेंसिंग
मलेरिया के इलाज के लिए उपयोग की जा रही मौजूदा दवाओं के बढ़ते प्रतिरोध के कारण नई दवाएं तैयार करने की तत्काल जरूरत है
क्या है जीका वायरस, कैसे बचाए इससे होने वाले रोग से अपने आपको?
जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं जिनमें बुखार, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द शामिल ...
जानें- भारत में पिछले 50 सालों में किस तरह बदले डेंगू के वेरिएंट, कैसे बढ़ा प्रकोप
पिछले 50 वर्षों में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है
जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में नए वायरस आ रहे हैं सामने, संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा
वर्तमान में जंगली स्तनधारियों के बीच कम से कम 10,000 वायरस चुपचाप घूम रहे हैं, जिन्हें जलवायु परिवर्तन लोगों में फैलाने के लिए उत्तेजित ...
घातक मलेरिया फैलने को रोकने के लिए जेएनयू के शोधकर्ताओं ने खोजा नया तरीका
वैज्ञानिकों ने बताया कि यौगिक एलआई71 के साथ इस आवश्यक प्लाज्मोडियम कोल्ड शॉक प्रोटीन को निशाना बनाने से मलेरिया परजीवियों के विकास और फैलने ...
जलवायु परिवर्तन की वजह से भारतीय बच्चों में बढ़ रहा है संक्रामक रोगों का खतरा
संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त 9 से 18 फीसदी बच्चों के मामले में बीमारी के तार जलवायु संबंधित कारकों से जुड़े थे
जलवायु परिवर्तन: भारत, नेपाल और बांग्लादेश में घरेलू कामगार महिलाओं के लिए बना अभिशाप
सर्वे में शामिल 83 फीसदी का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में गर्मी के दौरान तापमान बढ़ रहा है। हालांकि उनमें से दो-तिहाई ...
वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के चलते हर अमेरिकी पर पड़ रहा है 1.8 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ
साथ ही अमेरिका में जीवाश्म ईंधन के कारण होने वाला वायु प्रदूषण हर साल करीब 1.07 लाख लोगों की जान भी ले रहा है
जलवायु परिवर्तन के चलते लोगों में 58 फीसदी तक रोग तथा रोगाणु बढ़े:अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि लोगों में फैलने वाले जाने पहचाने रोगों में से 58 फीसदी से अधिक जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं
60 फीसदी पौधों और जानवरों के विलुप्त होने की वजह हैं विदेशी आक्रामक प्रजातियां: आईपीबीईएस
यह विदेशी आक्रामक प्रजातियां हर साल जैवविविधता के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को 35 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगा रही हैं
जलवायु से जुड़ी आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार नहीं एशिया-पैसिफिक: संयुक्त राष्ट्र
यह क्षेत्र पहले ही जलवायु में आते बदलावों की भारी कीमत चुका रहा है। अनुमान है कि इसके चलते क्षेत्र को हर साल करीब ...
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली: मूल निवासियों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक संकल्प को मंजूरी
90 देशों में करीब 47.6 करोड़ मूल निवासी हैं, जो गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हाशिए पर जीने को मजबूर हैं