हिमाचल प्रदेश: सरकारी पेयजल परियोजना का क्यों विरोध कर रहे हैं 50 ग्राम पंचायतों के लोग?
ग्रामीणों का आरोप है कि अदाणी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट के फायदे के लिए यह परियोजना बनाई जा रही है
जलवायु संकट: हिमाचल की नदियां सूखी, अभी से शुरू हुई पानी की राशनिंग
हिमाचल में बर्फ और बारिश न होने के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गर्मियों में संकट और गहरा सकता है
सीएसई ने 20 स्कूलों को 'ग्रीन स्कूल अवार्ड' से किया सम्मानित, पंजाब ने जीता सर्वश्रेष्ठ राज्य का खिताब
इसके साथ ही सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने देश के 199 स्कूलों को 'ग्रीन स्कूल' के रूप में प्रमाणित किया है।
दिल्ली-एनसीआर में क्यों धंस रही है जमीन, क्या भूजल के बढ़ते दोहन के बीच है कोई नाता
महिपालपुर, बिजवासन, कुतुब विहार, द्वारका के पश्चिमी हिस्से, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास उन क्षेत्रों का पता चला है, जहां जमीन ...
जल संकट का समाधान: युवाओं ने संभाली कमान, पहाड़ पर बना दी खाल-चाल
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में युवाओं ने पानी को बचाने की कमान संभाली और पहाड़ पर चाल-खाल बना कर पानी इकट्ठा करना शुरू कर ...
दो साल में ऐसे बचा लिया 50 लाख लीटर पानी
उत्तराखंड के दो विकासखंडों के सात गांवों में इन दो वर्षों में 312 भूमिगत कच्चे टैंक बनाकर 50 लाख लीटर से ज्यादा पानी बचाया ...
जल संकट का समाधान: राजस्थान से मध्यप्रदेश पहुंची पारंपरिक तकनीक
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में 14 एकड़ के कैंपस में हर साल तीन लाख लीटर वर्षा जल संग्रहित किया जाता है और साल भर ...
जोहड़ों का जादू
राजस्थान के अलवर जिले में जोहड़ों को पुनर्जीवित कर पानी की समस्या से काफी हद तक निजात मिल गई है
पानी बचाने के लिए बंजर भूमि में बनाया 67 लाख लीटर क्षमता का तालाब
रेलवे का भोपाल मंडल जल संरक्षण के लिए बंजर जमीनों पर तालाब बना रहा है, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा किया जाएगा
अंग्रेजों ने बर्बाद कर दी तालाबों के रखरखाव की व्यवस्था
कुडिमरमथ एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें तालाबों के रखरखाव के लिए श्रमदान किया जाता था, लेकिन अंग्रेजों की नीतियों ने यह व्यवस्था बर्बाद कर ...
जहां गिरे बारिश की बूंदें, वहीं सहेज लें
एक पुराना वीडियो, जो आपको इस साल होने वाली बारिश की बूंद-बूंद को सहेजने के लिए प्रेरित करेगा
एक प्राचीन पद्धति से खुशहाल जीवन जी रहे हैं इस गांव के लोग
जाबो पद्धति कृषि, वानिकी और पशुपालन का मिलाजुला रूप है जो मिट्टी का बहाव रोकने, जल संसाधन का विकास करने और पर्यावरण संरक्षण मंे ...
मालवा की मानव निर्मित मौत
मालवा क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में वन होने, मिट्टी में जैविक पदार्थों की पर्याप्त मात्रा के होने से इस क्षेत्र की भूमि में आर्द्रता का ...
जल संकट का समाधान: धाराओं के सूखने के संकट से ऐसे निपट रहे हिमालयी राज्य
भीषण जल संकट के दौर से गुजर रहे देश के मैदानी इलाकों के साथ हिमालयी राज्य भी पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन ...
बूंद-बूंद बचत, भाग-दो: एनीकट पहुंचा बारिश का पानी तो पूजा के लिए दौड़े लोग
राजस्थान के ब्यावर जिले के गांव बर में लोगों ने बारिश के पानी इतना सहेज कर रख लिया है कि अगले छह माह तक ...
जल संकट का समाधान: इस सरकारी स्कूल ने पेश की मिसाल
आगरा का एक सरकारी स्कूल रेन वाॅटर हार्वेटिंग के दम पर बारिश के पानी का प्रयोग साल भर तक पीने और खाना बनाने में ...
पानी में आर्सेनिक की समस्या का किफायती समाधान दे रहे कुएं
बिहार के समस्तीपुर जिले के चापर गांव के करीब 20 आर्सेनिक प्रभावित परिवार कुएं के पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं
बिहार: रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर नए कानून से कितना होगा फायदा
बिहार में निजी भवनों में रेनवाटर हारवेस्टिंग अनिवार्य करने के लिए कानून बनाया जा रहा है, लेकिन क्या इसका फायदा मिलेगा?
जल संकट का समाधानः केवल 1 रुपए में बच जाएगा 190 लीटर पानी
पद्मश्री महेश शर्मा ने इससे पहले झाबुआ की आदिवासी परंपरा 'हलमा' के तहत वनवासियों के सहयोग से पहाड़ पर गड्ढे कर हर साल 20 करोड़ लीटर पानी रीचार्ज ...
जल संकट का समाधान: ग्रामीणों ने सूखारौला को बना दिया सदानीरा गाडगंगा
उत्तराखंड में पौड़ी जिले के उफरैंखाल व आसपास के गांवों के लोगों ने बरसाती नाले को न सिर्फ एक छोटी सदानीरा नदी बना दिया, ...
अपनी परंपराओं को सहेजते तो नहीं करना पड़ता जल संकट का सामना
जल संचय व्यवस्थाओं को जिंदा रखने में राजनैतिक या वैधानिक प्रयासों से कहीं ज्यादा बड़ी भूमिका प्रचलित रीति-रिवाजों और परंपराओं की रही
अक्टूबर 2020 तक पुनर्जीवित हो जाएंगी दिल्ली की 166 वाटर बॉडी?
एनजीटी को दी गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली को भूजल संकट से बचाने के लिए वाटर बॉडी को रिचार्ज करने का ...
पुरखों की बनाई बेरियों को फिर से किया जीवित, पीने को मिला मीठा पानी
ऐसा कम ही होता है कि परंपरागत जल स्त्रोतों को सरकारें हाथ लगाएं। राजस्थान सरकार ने भुला दी गई सैकड़ों साल पुरानी पारंपरिक बेरियों ...
उत्तराखंड: इस बार पहाड़ों में चश्मे भी नहीं फूटे , 500 जलस्रोत सूखने की कगार पर
कम बरसात के कारण उत्तराखंड में अब तक चश्मे नहीं फूटे हैं, वहीं पूरे राज्य में जल स्त्रोत तेजी से सूख रहे हैं
वर्षा के बूंद-बूंद को सहेजने में मदद कर सकता है देवास रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
देशभर में साल भर के 8760 घंटो मे से केवल 100 घंटे ही वर्षा होती है, इसलिए वर्षाजल का संरक्षण बेहद जरूरी है।