जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में गई 227 पर्यावरण प्रहरियों की जान
वर्ष 2020 में जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में 227 पर्यावरण रक्षकों की जान गई थी, जिसमें 4 भारतीय भी शामिल थे
पारंपरिक अनानास की खेती कर जैव विविधता बचा रही है असम की हमार जनजाति
अध्ययन से पता चलता है कि असम की "हमार" जनजाति पारंपरिक तरीके से अनानास की खेती कर जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को बचाने ...
बेतहाशा बढ़ती खेती 90 प्रतिशत से अधिक जंगलों के काटे जाने के लिए जिम्मेवार है: अध्ययन
अध्ययन में खुलासा किया है कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में 90 से 99 प्रतिशत जंगलों के काटे जाने के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ...
हसदेव अरण्य की रक्षा में उमड़ा देशव्यापी समर्थन
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए अब केवल आदिवासी ही नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उन्हें देश के कई हिस्सों से समर्थन मिलने लगा ...
मध्य प्रदेश: कितनी सही है वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने की कवायद
मध्य प्रदेश सरकार ने सतपुड़ा पेंच एवं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से संबन्धित 19 और पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 7 वन ग्रामों को राजस्व ...
अमीर देशों के नागरिकों के खाने का शौक पूरा करने के लिए चार पेड़ों की चढ़ती है बलि
रिपोर्ट में इसके लिए कॉफ़ी, चॉकलेट, पाम आयल और मीट जैसे उत्पादों के बढ़ते उपभोग को जिम्मेवार माना है
30 फीसदी उत्सर्जन सोखने की क्षमता वाले जंगल भी हुए जलवायु परिवर्तन का शिकार
अध्ययन में पाया गया कि जिस तेजी से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा है, उस तेजी से जंगल कार्बन सोखने की अपनी क्षमता ...
दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों को बचाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं संरक्षित क्षेत्र : अध्ययन
अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में जिस दर से बिना संरक्षित क्षेत्रों में वनों का नुकसान हो रहा है लगभग वही ...
उत्तराखंड में वन गुर्जरों पर 'सरकारी' हमले बढ़े
एक ओर सरकार ने लॉकडाउन के बहाने वन गुर्जरों को जहां हैं, वहीं रहें के निर्देश दिए तो दूसरी ओर वन विभाग अतिक्रमण के ...
कहां हुई चूक: हिमाचल में वृक्षारोपण से न जंगलों में हुआ इजाफा, न लोगों को मिला फायदा
हिमाचल प्रदेश में जंगलों को बढ़ाने के लिए दशकों से चलाए जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रमों से न तो वहां के जंगलों में कोई खास ...
क्या आप जानते हैं आरईडीडी+ के बारे में, यहां जानिए क्या होता है यह?
आरईडीडी+ का उद्देश्य अलग-अलग देशों की सरकारों द्वारा वनों पर मानव दबाव को कम करने के लिए गतिविधियों का कार्यान्वयन करना है
इन फलों की वजह से बढ़ती है चूहों की आबादी, यही चूहे बनते हैं अकाल का कारण
मेलोकैना बेसीफेरा, बांस की एक उष्णकटिबंधीय प्रजाति है, जो पूर्वोत्तर भारत में बांस के नष्ट होने, चूहों की आबादी को बढ़ाने और अकाल जैसी ...
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव अरण्य में कोयला खदानों का आवंटन निरस्त करने और वन संरक्षण कानून, 1980 के नियमों में किए गए संशोधनों को रद्द ...
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
छत्तीसगढ़ के वनों में आग बेकाबू, वन कर्मचारी हड़ताल पर, कैसे बचेगा जंगल
जंगलों में आग लगने का कारण स्थानीय तो है ही, लेकिन मौसम में आ रहे परिवर्तन के कारण भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में आग ...
170 दिन से लगातार लगी हुई है उत्तराखंड के जंगलों में आग
पिछले साल 15 अक्टूबर से उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हुआ था, जो लगातार जारी है
वनों के सर्वश्रेष्ठ संरक्षक हैं आदिवासी: एफएओ
आदिवासी लोग क्षेत्र में 32 से 38 करोड़ हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा करते हैं, बदले में जंगल लगभग 3,400 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन स्टोर ...
मैंग्रोव वनों में जितनी ज्यादा होंगी प्रजातियां, उतना अधिक होगा कार्बन स्टोर
मैंग्रोव वन जल शोधन, तटीय संरक्षण, आवास प्रावधान और कार्बन भंडारण सहित कई पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करते हैं।
डाउन टू अर्थ खास: गंगा सहित 13 नदियों के किनारे वानिकी कार्यक्रम का क्या हुआ हश्र?
केंद्र सरकार ने गंगा के किनारे वानिकी का जो लक्ष्य निर्धारित किया था, मियाद पूरी होने तक वह केवल 22 प्रतिशत ही पूरा हो ...
कुछ विशिष्ट वन समुदायों तक ही सीमित नहीं वन अधिकारी द्वारा वनवासियों के दावों को सुनने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
अदालत का कहना है कि ऐसे दावों पर सुनवाई का अधिकार केवल कुछ समुदायों तक ही कैसे सीमित किया जा सकता है जब जमीन ...
43 वर्षों में अतिक्रमण ने लील ली कर्नाटक में 204,229 एकड़ भूमि, केवल 130 चार्जशीट की गई दायर: आरटीआई
आरटीआई से पता चला है कि 1980 से अब तक कर्नाटक में 204,229 एकड़ भूमि अतिक्रमण के कारण नष्ट हो गई है, जबकि 104,065 ...
छत्तीसगढ़ में सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन बना सकता है ग्राम सभाओं को आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र की तर्ज पर सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन योजना को संचालित करने के लिए कंवर्जंस की जरूरत है
उष्णकटिबंधीय जंगल कटने से 25 फीसदी कार्बन उत्सर्जन का हो रहा है सफाया
पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के वातावरण से कम से कम ...
वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों को बिना कारण बताए खारिज कर दिए गए आवेदन
वन मित्र पोर्टल के माध्यम से 2020 में दर्ज किए गए आवेदनों को बिना कारण बताए खारिज कर दिया गया
संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
रक्त चंदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की चौथी अनुसूची में संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है इसके बावजूद इसका अवैध व्यापार प्रजाति पर ...