मध्यप्रदेश सरकार बना रही है वन्यप्राणी अभयारण्य, आदिवासियों के विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश वन विभाग पश्चिम मंडला वनमंडल के जबलपुर से लगे चार रेंज बरेला, बीजाडांडी, काल्पी और टिकारिया के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 35 हजार किमी जंगल ...
दुनिया के आधे से ज्यादा गरुड़ भारत के इस इलाके में रहते हैं, जानते हैं क्यों
भारत के इस इलाके में विलुप्तप्राय प्राणी गरुड़ की आठ में से छह प्रजातियों की आबादी सफलतापूर्वक प्रजनन और वंश वृद्धि कर रही है
शहरी वातावरण के मुताबिक अपनी गतिविधि में बदलाव कर रहे हैं जंगली जानवर: अध्ययन
रात के समय में शिफ्ट होने से, कोयोट्स का हिरण और गिलहरी दोनों के साथ संपर्क कम होता था, जिससे शिकार तक उनकी पहुंच ...
संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बढ़ रहा है तेंदुए का अनुकूलन
पश्चिम बंगाल के चाय बागानों और उनके बीच स्थित मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र के करीब 400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यह अध्ययन किया ...
उत्तराखंड में बाघ का हमला: क्या बढ़ती संख्या के साथ सिकुड़ रहा है बाघों का प्राकृतिक आवास?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धूमाकोट में बाघ अब तक दो लोगों का अपना शिकार बना चुका है, लेकिन सवाल यह है ...
गिद्धों को बचाने के लिए खुला है अनूठा रेस्टोरेंट
दुनिया से विलुप्त हो रहे गिद्धों के लिए हिमाचल के पौंग डैम वैटलैंड में वाइल्डलाइफ विंग ने रेस्टोरेंट शुरू किया है, जहां लोग अपने ...
कैसे मान लें कि विलुप्त हो रही हैं प्रजातियां, वैज्ञानिक ढूंढ़ रहे फार्मूला
हमें जानना होगा कि पूर्व में कितने शेर रहे होंगे और कितनों का शिकार हुआ होगा, अब कितने बचे हैं
सांभर झील: हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत, विषाणु हमले की गुंजाइश बेहद कम
अब तक सात अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल और लुधियाना भेजे गए हैं। फ्लेमिंगो और अन्य कई प्रजाति के ...
पहाड़ों पर रह रही हैं 85 फीसदी जीव प्रजातियां
एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्वत दुनिया के 85 फीसदी से अधिक प्रजातियों का घर हैं, कई प्रजातियां ऐसी है जो केवल पहाड़ों ...
जंगल से आये हाथियों ने किसान को कुचल डाला
इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक इसके कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़े जा सके हैं।
पक्षियों के लिए खतरा बन रही हैं पवन-चक्कियां: अध्ययन
इस अध्ययन के दौरान सामाख्याली में 11 प्रजातियों के पक्षियों के 47 कंकाल मिले हैं, जबकि हरपनहल्ली के पास तीन प्रजातियों के सात पक्षी कंकाल ...
मोतीचूर इलाके में गुलदार के हमले से 5 साल में 22 लोगों की मौत
देहरादून में पिछले पांच-छह सालों से मोतीचूर रेंज से सत्यनारायण क्षेत्र के बीच करीब 6 से 7 किलोमीटर के इलाके में गुलदार का आतंक ...
वन्य प्राणियों के लिए मौत का फंदा बनती जा रही हैं बिजली की तारें
वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में करीब 200 से अधिक जंगली जानवर की मौत करंट लगने के ...
खतरे में हैं पश्चिमी हिमालय के पक्षी, क्या है वजह
जिन जंगलों में बदलाव आए हैं वहां जंगली और कीटभक्षी पक्षियों की आबादी में 80 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है
ब्राजील में मिली विलुप्त होते स्क्रीच उल्लू की दो नई प्रजातियां
ब्राजील के अमेज़न और अटलांटिक वर्षावनों में स्क्रीच उल्लू की दो नई प्रजातियां मिली हैं जो विज्ञान के लिए बिलकुल नई हैं|
तो क्या उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हो गई गुलदारों की संख्या?
उत्तराखंड में गुलदार और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसको लेकर कोई योजना इसलिए नहीं बन पा रही है, क्योंकि ...
विलुप्ति से बचाएगा शेरों का नया आनुवंशिक अध्ययन
शोधकर्ताओं ने शेरों को विलुप्ति से बचाने के लिए उनके जीनोम का एक व्यापक परीक्षण किया है। एक जीव का जीनोम उसके वंशानुगत जानकारी ...
कोरोना के साथ वन्यजीवों को शिकार से बचाने की भी चुनौती बढ़ी
देहरादून और नैनीताल के चिड़ियाघरों में खासतौर पर बिल्ली के प्रजातियों वाले बाघ-गुलदार जैसे जानवरों की विशेष निगरानी की जा रही है
वन्यजीवों के व्यवहार को जानना जरूरी, तब बच सकती है इंसानों की जान
उत्तराखंड में गुलदार का शिकार करने वाले लखपत रावत कहते हैं कि इंसान व जानवर दोनों को बचाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए इंसानों ...
एवियन बोट्यूलिज्म से ही हुई है सांभर झील में 18 हजार पक्षियों की मौतः रिपोर्ट
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली की गुरूवार को आई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि सांभर झील में 18,496 पक्षियों की ...
आखिर क्यों पक्षियों की कब्रगाह बनती जा रही है सांभर झील
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि ...
कच्छ में भी प्रवासी पक्षियों की मौत, सांभर में एसडीआरएफ ने संभाली कमान
राजस्थान के सांभर झील के आसपास प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है। अब गुजरात के कच्छ इलाके में भी पक्षियों की ...
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
किसानों ने पेश की मिसाल, पक्षियों के लिए दी अपनी जमीन
इस पक्षी अभयारण्य 140.29 एकड़ जमीन में फैले इस पक्षी अभयारण्य की देख रेख का जिम्मा भी समुदाय के हाथ में ही होगा
जानें क्यों जंगलों में बीज बम फेंक रहे हैं ये युवा
उत्तराखंड में 40 युवाओं का एक दल जंगलों में जगह-जगह बीज बम फेंक रहा है। इनका मकसद वन्य जीवों के साथ-साथ खेती-किसानी बचाना है।