नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
इंसानी परिवेश में ढलते वनमानुष
यदि शिकार जैसे प्रमुख खतरे को नियंत्रित कर लिया जाता है तो वनमानुष लोगों के साथ सह-अस्तित्व बनाकर रह सकते हैं
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष: जश्न में भी बनाए रखें होश
भारतीय बाघ के संरक्षण के लिए 1973 में एक महत्वपूर्ण परियोजना चलाई गई, जिसका नाम प्रोजेक्ट टाइगर है।
सांभर झील में 17 हजार पार पहुंचा मृत पक्षियों का आंकड़ा
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके ...
सांभर झील में पक्षियों की माैत का सिलसिला जारी, कारण स्पष्ट नहीं
राजस्थान की सांभर झील व उसके आसपास पक्षियों का शव मिलना लगातार जारी है। पक्षियों की मौत का कारण अब तक पुष्ट नहीं हो ...
बंदरों को खाना देकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं हम: स्टडी
एक अध्ययन में पाया गया है कि वन्यजीवों को खिलाने से उनके समुदायों का सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है
30 साल बाद फिर से मिला दुर्लभ प्रजाति का चांदी का हिरण!
आगे से चूहे जैसे दिखने वाले इस हिरण के पीठ पर चांदी जैसा रंग होता है, इसलिए इसे सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन या माउस हिरण कहा जाता ...
दो बीघा जंगल
जहां जानवर घूमते थे, अब वहां हाथी ट्रेन के नीचे आकर कटकर मर जाता है तो कभी कोई हिरन, जंगली सूअर, तेंदुआ या नीलगाय ...
वन विभाग की लापरवाही ने ले ली तेंदुए की जान
तेंदुए ने किसान पर हमला कर दिया, बुलाने के बावजूद जब कोई वन अधिकारी नहीं आया तो ग्रामीणों ने तेंदुए को मार दिया।
क्या डूब जाएगा रेगिस्तान का टाइटैनिक?
अगर राजस्थान की ही बात करें तो 2001 के मुकाबले 2007 में प्रदेश में ऊंटों की आबादी आधे के करीब आ गई
हिम तेंदुए को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद जरूरी, नेपाल में किया गया सर्वे
हिम तेंदुए की संख्या कम होती ज रही है, लगभग 4000 तेंदुए ही बचे हैं, इसलिए इन्हें कैसे बचाया जाए, इसके लिए पिछले दिनों ...
ओखला बर्ड सेंचुरी से गायब हुए पक्षी
ओखला बैराज के दरवाजों की मरम्मत के लिए इस अभयारण्य की नम भूमि को सुखा दिया गया है, जिससे पक्षी वहां से चले गए हैं
कुदरत की नियामत से बेखबर
बरामदे की घास पर दो-तीन गौरैया फुदक रही हैं। अब गौरैया बहुत कम हो गई हैं। गौरैया क्या, कौए, गिद्ध सभी कम हो रहे ...
मुंडम: मौखिक परंपरा का प्रकृति गान
जनजातीय समाज की परंपराओं, गीतों, त्योहारों, भोजन, वस्त्र, जीवनशैली का गंभीरता से अध्ययन करें तो हम पाएंगे कि उनकी प्रत्येक परंपरा प्रकृति को उसके ...
तीन दिन में तीन हथिनियों की मौत कहीं हाथी-मानव संघर्ष का नतीजा तो नहीं?
सरगुजा के जंगलों में कुछ वर्षों से जंगली हाथियों की काफी उपस्थिति देखी गई है, इस जंगल में करीब 240 हाथी तक देखे गए ...
बाघों की उत्पत्ति कहां हुई?
देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में असोसिएट प्रोफेसर सम्राट मंडल कहते हैं कि बाघों का विकास क्रम जानने के लिए वैज्ञानिक डीएनए का ...
रेगिस्तान की लोमड़ियों में भी फैल रही है मेंज बीमारी, वन विभाग बेखबर
राजस्थान में ऊंटों के बाद रेगिस्तान की लोमड़ियों (डेजर्ट फॉक्स) में भी मेंज बीमारी फैल रही है
कोरोना संक्रमण: चिड़ियाघरों में जानवरों को खाना-पानी पहुंचाने का आदेश
लॉक डाउन की वजह से चिड़ियाघरों में मौजूद पालतू जंतुओं को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है
एक ही दिन में चार गुलदारों की मौत, तीन को जहर देकर मारा
हरिद्वार रेंज में तीन गुलदारों की जहर दिए जाने से मौत की प्राथमिक तौर पर पुष्टि हो गई है, लेकिन जहर दिए जाने का ...
दुधवा में 85 वर्ष बाद दिखा दुर्लभ रेड कोरल सांप
अति दुर्लभ खुखरी सांप लाल मूंगे की तरह चमकदार होता है। वर्ष 2011 में यह सांप असम और 2015 में उत्तराखंड में देखा गया
भारत में मिली मेंढक की नई प्रजाति
वैज्ञानिकों के अनुसार, मेंढक की यह प्रजाति अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई संबंधियों से लगभग चार करोड़ वर्ष पूर्व अलग हो गई थी
उत्तराखंड में जंगली सुअर का आतंक
पहले जंगली सुअर सिर्फ खेती को नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब यह घर-आंगन तक पहुंचने लगे हैं
पर्यावरण की पाठशाला बन सकता है सिनेमा
जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए होने वाले आंदोलन तेज हुए हैं। आगे शायद नर्मदा-टिहरी बचाओ आंदोलन, चिल्का बचाओ, गंगा मुक्ति, पानी ...
तिब्बती हिरणों ने ऊंचे पहाड़ों में जीवित रहने के लिए विकसित किया अनूठा तरीका
1990 के दशक में अवैध शिकार के कारण तिब्बती हिरण लुप्तप्राय श्रेणी में आ गए थे, लेकिन आज इनकी संख्या में अच्छी- खासी वृद्धि ...
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...