एक ही दिन में चार गुलदारों की मौत, तीन को जहर देकर मारा
हरिद्वार रेंज में तीन गुलदारों की जहर दिए जाने से मौत की प्राथमिक तौर पर पुष्टि हो गई है, लेकिन जहर दिए जाने का ...
दुधवा में 85 वर्ष बाद दिखा दुर्लभ रेड कोरल सांप
अति दुर्लभ खुखरी सांप लाल मूंगे की तरह चमकदार होता है। वर्ष 2011 में यह सांप असम और 2015 में उत्तराखंड में देखा गया
भारत में मिली मेंढक की नई प्रजाति
वैज्ञानिकों के अनुसार, मेंढक की यह प्रजाति अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई संबंधियों से लगभग चार करोड़ वर्ष पूर्व अलग हो गई थी
कोरोना संक्रमण: चिड़ियाघरों में जानवरों को खाना-पानी पहुंचाने का आदेश
लॉक डाउन की वजह से चिड़ियाघरों में मौजूद पालतू जंतुओं को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है
उत्तराखंड में जंगली सुअर का आतंक
पहले जंगली सुअर सिर्फ खेती को नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब यह घर-आंगन तक पहुंचने लगे हैं
पिछले तीन दशकों में 11 लाख से ज्यादा समुद्री कछुओं का किया गया अवैध शिकार
पिछले तीन दशकों में जिन 11 लाख कछुओं का अवैध शिकार किया गया है उनमें से 95 फीसदी केवल दो प्रजातियों हरे समुद्री कछुए ...
वैज्ञानिकों ने सफेद हाथ वाले गिब्बन की खोज की
मलेशिया के दक्षिण में विकसित हो रहे हैं सफेद हाथ वाले गिब्बन, जहां उनके वर्गीकरण और आनुवंशिकी की जांच की जाती है।
वन्य जीवों की मौत के कारण तलाशेगी कमेटी
वन्य जीवों की मौत के लिए जिम्मेवार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी कमेटी, अधिकारियों पर शिकारियों से मिलीभगत का आरोप है
बिहार: सांप के काटने से मौत के बाद क्यों नहीं मिल पा रहा है मुआवजा
सांप के काटने पर अगर किसी की मौत हो जाती है तो परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान है
केवल संरक्षित क्षेत्र घोषित करने से ही नहीं बचेगी जैवविविधता, प्रजातियों पर भी देना होगा ध्यान
शोध के अनुसार संरक्षण के लिए केवल संरक्षित क्षेत्र घोषित करना ही काफी नहीं है। इसके लिए प्रजातियों और उनके आवास को ध्यान में ...
शेरनी: पर्यावरणवाद को बखूबी समझने वाली एक बॉलीवुड फिल्म
इस फिल्म का हर सीन बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है, जिसमें भारतीय वन सेवा की कार्यप्रणाली का सही चित्रण किया गया है
पिछले 5 वर्षों के दौरान नेपाल में 16.5 फीसदी बढ़ी गैंडों की आबादी
2015 की गणना में इन एक सींग वाले गैंडों की आबादी 645 थी, जो पांच साल के अंतराल में बढ़कर 752 हो गई है
बाघों के अंगों की तस्करी में अव्वल है भारत, चीन है बहुत पीछे
23 वर्षों में बाघों की अवैध तस्करी की दुनिया भर में कुल 2,205 घटनाएं सामने आई हैं जिनमें से 34 फीसदी यानी 759 घटनाएं ...
खोज: मणिपुर की प्रागैतिहासिक गुफा में मिली चमगादड़ की बारह नई प्रजातियां
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के शोधकर्ताओं ने मणिपुर में छोटे स्तनधारी जीवों पर किए जा रहे एक अध्ययन के दौरान चमगादड़ों की 12 नई ...
प्रभावी कानूनों से बच सकते हैं बड़े मांसभक्षी जीव, एक रिपोर्ट में दी गई सलाह
अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संरक्षित मांसाहारियों के विलुप्त होने के खतरों को कम करने की संभावना 6.8 गुना पाई गई
तिब्बती हिरणों ने ऊंचे पहाड़ों में जीवित रहने के लिए विकसित किया अनूठा तरीका
1990 के दशक में अवैध शिकार के कारण तिब्बती हिरण लुप्तप्राय श्रेणी में आ गए थे, लेकिन आज इनकी संख्या में अच्छी- खासी वृद्धि ...
दुनिया के आधे से ज्यादा गरुड़ भारत के इस इलाके में रहते हैं, जानते हैं क्यों
भारत के इस इलाके में विलुप्तप्राय प्राणी गरुड़ की आठ में से छह प्रजातियों की आबादी सफलतापूर्वक प्रजनन और वंश वृद्धि कर रही है
पर्यावरण की पाठशाला बन सकता है सिनेमा
जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए होने वाले आंदोलन तेज हुए हैं। आगे शायद नर्मदा-टिहरी बचाओ आंदोलन, चिल्का बचाओ, गंगा मुक्ति, पानी ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: कितना भरोसेमंद है भारत में जंगलों का आंकड़ा
राजस्थान के नीमली स्थित अनिल अग्रवाल एनवायरनमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में चल रहे कार्यक्रम के आखिरी दिन जंगल से संबंधित चर्चा हुई
मध्यप्रदेश सरकार बना रही है वन्यप्राणी अभयारण्य, आदिवासियों के विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश वन विभाग पश्चिम मंडला वनमंडल के जबलपुर से लगे चार रेंज बरेला, बीजाडांडी, काल्पी और टिकारिया के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 35 हजार किमी जंगल ...
लॉकडाउन में कैसे बदला जानवरों का व्यवहार, पता लग रहे हैं रिसर्चर्स
कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन किया गया, लेकिन इसका जानवरों पर क्या प्रभाव पड़ा, इसका पता लगाया ...
वन्यजीवों के व्यापार से उनकी आबादी में आई औसतन 62 फीसदी की गिरावट
अंतराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 10 करोड़ पौधों और जानवरों की तस्करी की जाती है| वन्यजीवों का यह व्यापार हर साल तकरीबन 145,418 करोड़ ...
जानवरों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर करती हैं इंसानी गतिविधियां
39 सालों में 167 पशु प्रजातियों पर 208 अलग-अलग अध्ययनों का संकलन और विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट जारी की गई है
कहां लुप्त हो गई मधुमक्खियों की 25 फीसदी प्रजातियां, 1990 के बाद से नहीं आई सामने
हाल ही में जर्नल वन अर्थ में छपे एक शोध से पता चला है कि 1990 से 2015 के बीच मधुमक्खियों की करीब एक ...
अपने ही गढ़ में क्यों ढेर हुए शेर
गुजरात के गीर राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य में शेरों की मौत क्या वन विभाग की अनदेखी का नतीजा थी?