वन्यजीवों की रक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए नेपाल सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
याचिका में कहा गया था कि देश के शक्तिशाली और संभ्रांत वर्ग के बीच बाघ की खाल जैसे संरक्षित वन्यजीव वस्तुओं के अवैध स्वामित्व ...
वन्य जीव संरक्षण संशोधन अधिनियम, 2021: किसकी सुरक्षा? किसका संरक्षण ? किसका प्रबंधन?
वन्य जीव संरक्षण कानून, 1972 में संशोधन के लिए 17 दिसंबर 2021 को लोकसभा में एक अधिनियम पेश किया गया है, क्या हैं इसके ...
बिहार: समुदाय ने बनाया मोर गांव, सरकारी उदासीनता ने किया बंटाधार
आरण और माधोपुर गांव में स्थानीय लोगों की कोशिशों के चलते ही मोर गांव बने, लेकिन सरकार अपनी भागीदारी नहीं निभा पाई
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: जंगली जानवरों को मारकर खाना कितना उचित?
वन्य प्रजातियां दुनिया का भरण-पोषण करने में मदद कर सकतीं हैं, लेकिन तभी जब उनका उपयोग बेहतर और नियंत्रित तरीके से हो
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...
नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
अभी भी अस्तित्व में है 112 साल पहले विलुप्त हो चुका गैलापागोस का विशालकाय कछुआ
2019 के दौरान मिली यह मादा वास्तव में कछुओं की चेलोनोइडिस फैंटास्टिकस प्रजाति का ही हिस्सा है, जिन्हें फर्नांडीना विशाल कछुओं के रूप में जाना जाता ...
बाघों के खोए हुए गौरव को फिर से हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाता राजस्थान
अवैध शिकार के कारण 2004 तक सरिस्का से और 2008 तक पन्ना से सभी बाघों की मौत हो गई जो टाइगर प्रोजेक्ट के लिए ...
जग बीती: जानवरों की दुविधा
जग बीती: वन्यजीवों पर मुसीबत
जग बीती: ऑस्कर के बहाने!
जग बीती: हमें जीने दो!
जग बीती: हाथियों की हत्या!
जग बीती: जामनगर रेस्क्यू सेंटर!
इंसानी परिवेश में ढलते वनमानुष
यदि शिकार जैसे प्रमुख खतरे को नियंत्रित कर लिया जाता है तो वनमानुष लोगों के साथ सह-अस्तित्व बनाकर रह सकते हैं
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष: जश्न में भी बनाए रखें होश
भारतीय बाघ के संरक्षण के लिए 1973 में एक महत्वपूर्ण परियोजना चलाई गई, जिसका नाम प्रोजेक्ट टाइगर है।
सांभर झील में 17 हजार पार पहुंचा मृत पक्षियों का आंकड़ा
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके ...
सांभर झील में पक्षियों की माैत का सिलसिला जारी, कारण स्पष्ट नहीं
राजस्थान की सांभर झील व उसके आसपास पक्षियों का शव मिलना लगातार जारी है। पक्षियों की मौत का कारण अब तक पुष्ट नहीं हो ...
चार दशक बाद वन्यजीव व्यापार से जुड़े नियमों में संशोधन, व्यापार की राह हुई आसान
वन्यजीव व्यापार से जुड़े नियमों में 1983 के बाद किए यह पहले संशोधन हैं, जिनके बारे में अधिसूचना 16 जनवरी 2024 को लागू की ...
संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बढ़ रहा है तेंदुए का अनुकूलन
पश्चिम बंगाल के चाय बागानों और उनके बीच स्थित मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र के करीब 400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यह अध्ययन किया ...
सुंदरवन के पास वन कर्मचारियों पर हमला, चार घायल
वन कर्मचारियों पर हमला तब हुआ, जब वे बाघ की मौत के मामले में नामजद एक आरोपी को पकड़ने गए थे
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व: गर्मियों में पानी के लिए नहीं भटकेंगे जंगली जानवर!
बाघों और अन्य वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए घास के मैदानों में पानी के गड्ढों को भरने के लिए सौर ऊर्जा से ...
आर्थिक असमानता के कारण दुनिया में फल-फूल रहा है वन्यजीव व्यापार
1998 से 2018 के बीच 42.1 करोड़ से ज्यादा संकटग्रस्त वन्यजीवों का अंतराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार किया गया था।
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
दुधवा नेशनल पार्क में मिली पक्षियों की चार नई प्रजातियां
टाइगर, गैंडों, हाथी और घड़ियाल के लिए मशहूर दुधवा नेशनल पार्क में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक शीतकालीन पक्षी गणना की गई