गंभीर सूखे की चपेट में बुंदेलखंड
जानकार बताते हैं कि 15 जुलाई तक बारिश न होना बेहद असामान्य, यह गंभीर सूखे का संकेत, 2002 में हुआ था ऐसा
कोरोनाकाल में विश्व श्रमिक दिवस : यहां जानिए देश में श्रम कानूनों की क्या स्थिति है
2002 में नेशनल कमीशन ऑन लेबर (एसएनसीएल) ने कहा कि सरकार असंगठित श्रमिकों को पर्याप्त मदद नहीं दे रही है।
पलायन की पीड़ा-2: खेतों में नहीं होती गुजर बसर लायक पैदावार
लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की वापसी ने देश के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर पलायन होता ही क्यों है? डाउन ...
बजट 2022-23 : उर्वरकों की सब्सिडी में भारी कटौती, बढ़ेगी किसानों की परेशानी!
पिछले बजट के संशोधित अनुमान के मुकाबले यूरिया की सब्सिडी में 12,708 करोड़ और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी में 22,192 करोड़ रुपए की कमी
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: स्कूल में दाखिला न पाने वाले बच्चों की संख्या लगभग दोगुनी हुई
6-14 आयुवर्ग में बच्चों का नामांकन भी बुरी तरह प्रभावित रहा, आर्थिक तंगी के कारण निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या घटी
लॉन्ग कोविड: तकलीफों के दलदल में महामारी के शिकार
पहली और दूसरी लहर के दौरान वायरस की चपेट में आए लोग अब तक कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं
धर्म और आस्था के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़
धर्म का मर्म समझने वाले बताते हैं कि धार्मिक परंपराओं का मूल प्रकृति का संरक्षण है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विसंगतियां ...
विशाखापट्टनम गैस लीक: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका सवालों में
प्लांट से अत्यधिक प्रदूषण को देखते हुए एपीपीसीबी को इसके विस्तार और संचालन की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी : ईएएस सरमा
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...
मजदूर दिवस : जारी है शोषण, न्यूनतम मजदूरी अब भी सपना
दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी सर्वाधिक है लेकिन मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा, श्रमिकों को 6,000 से 10,000 रुपए का मासिक वेतन दिया ...
“पूरी न्यायिक प्रक्रिया अब एक कमोडिटी बन चुकी है”
कुछ भी ऐसा अभेद्य नहीं है जो मनुष्य और नागरिक को उसकी अस्मिता सुरक्षित रखने की गारंटी दे। न्याय तो तब मिलेगा जब वह ...
नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
वैज्ञानिकों ने खोजा केले के कैंसर का इलाज
भारत के वैज्ञानिकों ने पनामा रोग को कंट्रोल करने के लिए एक बायो पेस्टीसाइड बनाया है जिसका नाम है आईसीएआर-फ्यूजीकांट
समाज की भलाई के लिए जरूरी है कोविड-19 से रिकवर मरीजों का लंबा निरीक्षण
कोविड-19 से रिकवरी के बाद फॉलोअप पर केंद्रित “फॉलोअप स्टडीज इन कोविड-19 रिकवर्ड पेशेंट्स- इज इट मेंडेटरी” अध्ययन के सह लेखक विवेकानंदन गोविंदासामी माइक्रोबायोलॉजी ...
Conquest of lantana
A decade-long initiative in Madhya Pradesh to reclaim land overrun by lantana helps residents restart agriculture and restore native biodiversity&…
भारत का 34 प्रतिशत समुद्र तट और पश्चिम बंगाल में 60 प्रतिशत से ज्यादा समुद्र तट कटाव से प्रभावित
देश के पूर्वी और पश्चिमी तट का 2,318 किलोमीटर क्षेत्र कटाव से प्रभावित है
सूखे की मार के बीच अब जमीन छिनने का डर
बैंक का कर्ज न चुका पाने पर बुंदेलखंड के किसानों की जमीन नीलाम हो रही है
दलित-आदिवासियों को 2022-23 के आम बजट में क्या मिला?
वंचित समुदायों के लिए काम करने वाले संगठन दशम ने दलितों-आदिवासियों के लिए आवंटित बजट को आंकड़ों का खेल बताया
आईपीसीसी रिपोर्ट: इस शताब्दी में फट सकता है बड़ा ज्वालामुखी, बदल सकता है जलवायु चक्र
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगर ज्वालामुखी फटता है तो सतह का वैश्विक तापमान एक से तीन साल तक कम हो जाएगा
बोरवेल पर प्रतिबंध लगाकर राजस्थान के इस गांव ने खत्म किया जल संकट
भीलवाड़ा जिले के अमरतिया गांव में पिछले 20 वर्षों से बोरवेल नहीं लगा है, ग्रामीण सिंचाई और पीने के लिए कुएं से लेते हैं ...
चारे का संकट : डेरी फार्मिंग छोड़कर डॉग फार्मिंग को मजबूर हुआ पशुपालक
चारे की महंगाई से डेरी फार्म बंद होने की कगार पर, पशुपालक ने औने पौने दाम पर बेची दूधारू गाय, पांच महीने में हो चुका है ...
आपदा में अवसर : महामारी के दौर में देश में 45 जगह जबरन बेदखली
एचएलआरएन की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से जुलाई के बीच देशभर में 20 हजार से अधिक लोग जबरन बेदखल किए गए
डायरी: ...लेकिन यहां ट्रैक्टर रैली ने पेश की अनुशासन की मिसाल
चार घंटों में हमने एक भी बार अनुशासनहीनता नहीं देखी। ट्रैक्टर के साथ लगी ट्रॉलियों में रोजमर्रा की जरूरतों का सामान था
ललितपुर जिले में एक दिन सामान्य से 1500 प्रतिशत अधिक बारिश
15 सितंबर को 4.9 एमएम औसत वर्षा के मुकाबले 77.7 एमएम बारिश दर्ज की गई
त्योहारों में धर्म के नाम पर पर्यावरण को नुकसान
जब से धर्म फैशन का रूप लेने लगा है, इसने पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है