आत्मनिर्भरता के अर्थ और अनर्थ
आत्मनिर्भरता के लिए अनिवार्य है कि किसानों और मजदूरों को पहले आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाए
नए श्रम कानूनों के नए अर्थ!
कोविड महामारी के बहाने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात ने श्रम कानूनों में छूट दी है, लेकिन इसके मायने क्या हैं?
मानसिक तनाव से ग्रस्त हो रहे हैं प्रवासी मजदूर
महामारी और लॉकडाउन से उपजी 'असुरक्षा' ने अप्रवासी मजदूरों को डरा दिया है
तीसरी पीढ़ी का मजदूर दिवस
भारत सहित दुनिया भर में पहली बार मजदूर दिवस, घोषित ‘महामारी और तालाबंदी' के दौरान मनाया जा रहा है
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
कोरोना महामारी और शराब पर आधारित अर्थव्यवस्था
सड़कों पर दम तोड़ते श्रमिकों का इलाज पानी और भोजन है - यह समझने के लिए शराब के नशे मे डूबे समाज और सरकारों ...
गरीबी रेखा की दूसरी पीढ़ी
भारत में सातवें दशक से 'गरीबी रेखा' पर शोध, बहस, नीतियां, कायदों, वायदों और घोषणाओं का अंतहीन अध्याय शुरू हुआ
विभिन्न इलाकों में फंसे हैं मध्यप्रदेश के प्रवासी खेतिहर मजदूर
एकता परिषद द्वारा कराया गया सर्वेक्षण बताता है कि लगभग 98 फीसदी मजदूर किसी भी तरह अपने घर वापस पहुंचना चाहते हैं
काश! न्याय की रक्षा स्वयं सरकारें करतीं...
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन भीतर उनके घर भेजने और उनके खिलाफ मुकदमों पर विचार करने को कहा है
मणिपुर डायरी : हिंसा की वजह तलाशता एक लेख
मणिपुर में प्रशासनिक नाकामी और राजनैतिक विश्वासघातों का परिणाम रहा कि सात दशकों में भूमिहीनता बढ़ते-बढ़ते लगभग 71 प्रतिशत हो गई