भारत को फिर से बुलंद करना होगा गरीबी हटाओ का नारा
केवल गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चलाने से कुछ नहीं होगा, सभी गरीबों के लिए व्यापक कार्यक्रम ...
कोरोना लॉकडाउन: मजदूर क्यों न खोते धैर्य?
अमीर अब सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि कम विशेषाधिकार लोगों का अनुभव इससे उलट रहा
Empty stomachs today, sick workshops tomorrow: The need for nutrition NOW
The world’s hunger clock has regressed back to 2015 when the global community had resolved to get good food to all plates by 2030
COVID-19 lockdown: Why some workers lost patience
The rich now trusts the government most, while the less privileged experience an absence of the same
हर तीस घंटे में एक अरबपति बना और दस लाख नए गरीब, पर कैसे
ऑक्सफेम की नई वेल्थ जनरेशन रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कमाई के हिसाब से निचले स्तर के 50 फीसदी लोगों में शामिल एक मजदूर को जितना ...
गहरे सदमे में है भारतीय अर्थव्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि वहां ज्यादातर अनौपचारिक और कम कमाई करने वाली मजदूर रहते ...
A new pandemic has struck the world: Food inflation
Food prices are increasing at an unprecedented rate worldwide, triggered by 2 years of COVID-19 pandemic-induced disruption and now the …
'Half of India without significant wealth'
Inequality hurts democracy, which is why governments need to intervene and regulate to fix this trend: Lucas Chancel, lead editor of World …
आर्थिक सर्वेक्षण ने दी ‘बौनों’ को खत्म करने की सलाह
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो छोटे उद्योग आर्थिक वृद्धि को रोक रहे हैं और रोजगार सृजन नहीं कर रहे हैं, उन्हें ...
Global corporate taxation: The new bare minimum
The newly agreed global minimum corporate tax to prevent multinational firms from avoiding the legal cess regime is riddled with clauses to …
कोविड-19 महामारी से त्रस्त साल में बढ़ी अरबपतियों की संख्या
2008 की आर्थिक मंदी के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि केवल अमीर ही और अमीर बनेंगे, बजाय इसके कि गरीब अमीर बनेंगे ...
What did the billionaires lose during COVID-19 pandemic?
The bloom of the billionaires continued uninterrupted without an exception even during the COVID-19 pandemic
आर्थिक मंदी: गरीबी दूर होगी बशर्ते…...
व्यावसायिक समूह के जरिए कर चोरी के कारण सरकारों को 200 अरब डॉलर से 600 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
India’s deep economic paralysis just set in
Amid the second wave of the COVID-19 pandemic, India enters into a situation that currently looks unimaginably distressed.
Chitapur: A village that counts its GDP in tamarind trees
Staple food grain being supplied cheaper, forest produce become the most important economy in forest-dwelling villages, sidelining agriculture
सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए आंकड़ों से क्यों खेल रही है?
जहां एक तरफ आंकड़ों को जारी होने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संवाद आंकड़ों पर आधारित हो रहा है
कृषि संपन्न क्षेत्रों में बढ़ रही है ग्रामीण युवाओं की आबादी, लेकिन …
ग्रामीण युवाओं पर जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-12 से ग्रामीण पुरुष व महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में ...
स्थानीय बाजारों में फसलें बेच रहे हैं अधिकतर किसान: एनएसओ रिपोर्ट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकारी एजेंसियों के पास सबसे कम किसान फसल बेचते हैं
अमृत काल बनाम न्यू इंडिया: आर्थिक संकट के बीच आध्यात्मिक राजनीतिक एजेंडा का दौर
गहरे आर्थिक संकट के वक्त हम अवास्तविक राजनीतिक एजेंडा को क्यों तवज्जो देते हैं
कॉरपोरेट कर व्यवस्था : दूर के ढोल सुहावने
वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर पर हुए समझौते के बाद यह कहा जा रहा है कि इससे अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में कर ...
खुशहाली मापने का आधार नहीं है बढ़ती जीडीपी
दुनिया को धीरे-धीरे एहसास हो रहा है कि आय अथवा जीडीपी से खुशहाली नहीं मापी जा सकती, भारत के उदाहरण से भी इसे समझा ...
Every 30 hours, world gets a new billionaire, a million new poor
The question no longer is why poor remain poor, but why rich get richer this fast
महामारी ही नहीं, डूबती अर्थव्यवस्था को भी उबारेगी वैक्सीन
विकसित देशों में वैक्सिनेशन तेज होने से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है, लेकिन गरीब देशों को उबरने में समय लगेगा
आंकड़ों से किसे और क्यों लगता है डर
मौजूदा समय में इस संगठन के बहुत से सर्वेक्षणों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है, शायद इसलिए कि उसके नतीजे राजनीतिक नेतृत्व को ...