भारत की गरीबी: सुरजीत भल्ला की कल्पनाओं का कोई अंत नहीं
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक भल्ला ने ऐलान किया है कि मोदी सरकार द्वारा मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के चलते, भारत 2020 में ...
क्यों हो रहा है भारत में भूख का विस्तार?
दो दशक से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या में अस्पष्टता के बावजूद उनके लिए शुरू की गई राशन योजना का दायरा ...
विश्लेषण : ग्लास्गो समझौते से दुनिया को क्या मिला
निर्धारित समय से अधिक दिन तक चले कॉप-26 से वे उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं, जिसकी आस में विश्व इसकी ओर ताक रहा था। ...
कॉप-26 रिपोर्ट कार्ड: ग्लासगो में भूमिगत ही रहा कृषि मुद्दा
कृषि, वानिकी एवं जमीन का इस्तेमाल विश्व के एक चौथाई ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं
कॉप-26 का रिपोर्ट कार्ड: ग्लोबल वार्मिंग में मीथेन की भूमिका को पहली बार मिला महत्व
105 देशों ने इसका उत्सर्जन कम करने के संकल्प-.पत्र पर हस्ताक्षर किए, हालांकि तीन बड़े उत्सर्जकों ने नहीं किए हस्ताक्षर
जलवायु संकट-1: मनुष्य ने खुद लिखी अपने विनाश की पटकथा
आईपीसीसी के ताजा वैज्ञानिक अनुमान साफ बताते हैं कि धरती की जलवायु एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है जहां से इसे बदलना दूर ...
कोविड-19: व्यवस्था में चली परिवर्तन की बयार
एक तरफ इस महामारी ने जहां कहीं अधिक राजनैतिक हिंसा को हवा दी है, लोगों में विरोध बढ़ा है, साथ ही इसके चलते सरकारों को भी ...
Fifteenth Finance Commission: Over Rs. 4.36 lakh crore for local governments
Local governments will get special health grants
India needs the ‘Garibi Hatao’ slogan back
Anti-poverty programmes must be universal, not just on a below or above poverty line matrix
Urban north India has highest fat intake, obesity
Urban Indians consume nearly 50% more fat than rural counterparts, finds latest ‘What India Eats’ survey
आत्महत्या करने वालों में एक चौथाई दिहाड़ी मजदूर: एनसीआरबी
एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में आत्महत्या करने वालों में 66 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी आमदनी 278 रुपए प्रतिदिन से कम थी
जल संकट झेल रहे किसानों को सहायता देगी सरकार, लेकिन कब?
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक करने का निर्णय लिया है, लेकिन एक नई योजना भी शुरू करने की बात कही ...
New support scheme for water-stressed districts as crop insurance becomes voluntary
Changes to PM Fasal Bima Yojana leave famers without effective support for crop losses in time of climate emergency
India’s declining rural income pulls downs global economic growth: IMF
International Monetary Fund says downgrade of global economy due to India’s dipping growth rates
भारत क्यों है गरीब-6: राष्ट्रीय औसत आमदनी तक पहुंचने में गरीबों की 7 पुश्तें खप जाएंगी
विश्व आर्थिक मंच की हालिया रिपोर्ट कहती है कि सामाजिक गैर-बराबरी से उच्च आर्थिक विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस ...
मनरेगा में आधी से ज्यादा है आधी आबादी की हिस्सेदारी
2018-19 में मनरेगा के तहत काम करने वालों में महिलाअेां की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही, जो पिछले कुछ सालों से लगभग इतनी ही है
How much politics is too much politics for civil society
Should non-profits contest elections? Should they be identified with parties?
The ABCDs of extreme profits by agri-corporations
UN Trade and Development Report reveals volatility in food commodities prices in last few years have coincided with global food traders …
आबादी का बढ़ना नहीं, कम होना ले जाएगा विनाश की ओर!
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, तमाम वैश्विक चुनौतियों के लिए बड़ी आबादी नहीं, दूसरी चीजें जिम्मेदार हैं
भारत की आधी आबादी के पास कामचलाऊ पूंजी भी नहीं
असमानता, लोकतंत्र पर आघात करती है। यही वजह है कि सरकारों को हस्तक्षेप कर इस पर अंकुश लगाने और इस ट्रेंड को बदलने की ...
क्या हैं अमीर व गरीब देशों के लिए प्राकृतिक संपदा के मायने?
दुनियाभर में संपत्ति बढ़ रही है, लेकिन यह उन देशों में टिकाऊ नहीं होगी जहां प्रकृति अथवा पूंजी को बर्बाद कर दिया गया है
Natural wealth of the nations
Wealth is increasing in the world but will not be sustainable in countries that have degraded their natural environment or capital: World …
आर्थिक सर्वेक्षण: सार्वजनिक खर्च से उबरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिक सर्वेक्षण में संकेत दिए गए हैं कि आगामी बजट में सरकारी खर्च की हिस्सेदारी अधिक होगी
The orphans of the Fourth Revolution
With an estimated 85 million jobs to be lost to automation by 2025, the development divide is set to deepen
नए युग में धरती: क्या सतत विकास लक्ष्य आएंगे काम
जैव विविधता के लक्ष्यों से पिछड़ने का मतलब है, गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य, पानी, शहरों, जलवायु, महासागर और भूमि से संबंधित लक्ष्यों में बाधा