Save the carbon bubble: India’s voluntary carbon market must be regulated and made to contribute to its climate goals
Governments world over continue to issue regulations to rein in the voluntary carbon market, hold it accountable for its acts and ensure sharing …
एक मरीचिका साबित हुआ कॉप-27
तीन दशक के इतिहास में कॉप-27 सम्मेलन को सबसे खराब कार्यक्रम के रूप में याद किया जाना चाहिए
पारंपरिक ज्ञान के बिना जैव विविधता संरक्षण की बात बेमानी
हमें जंगलों एवं संरक्षित क्षेत्रों में जैव संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान की रक्षा एवं विकास की भी जरूरत है
'डाउन टू अर्थ' हिंदी में क्यों
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका को आठ साल पूरे हो चुके हैं। प्रस्तुत है पहले अंक में प्रकाशित पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का ...
परियोजनाओं को पर्यावरण संबधी मंजूरी: अपनाने होंगे ये चार तरीके
पर्यावरण की शुद्धता के लिए तैयार किए जाने वाले एक प्रभावी तंत्र के जरिए ही हम पारिस्थितिकी और विकास के बीच संतुलन बना सकेंगे
प्राकृतिक नहीं, एक सुनियोजित आपदा है जोशीमठ
हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ के धंसने की शुरुआत बताती है कि हमने भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की पारिस्थितिक विशेषताओं को ध्यान ...
लोकतंत्र को गले लगाओ, दुनिया को बचाओ
महामारी की प्रतिक्रिया वास्तव में तभी वैश्विक होगी जब वैक्सीन एक ग्लोबल गुड बन जाएगा
अयस्क क्षेत्र को आधुनिकता की जरूरत
भारत के इस्पात उत्पादन को तीन गुणा बढ़ाकर भी साल 2030 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में भारी कमी लाना संभव है, लेकिन इसके ...
असल जल योद्धा
जलवायु परिवर्तन की वजह से राजस्थान में इस साल हुई अतिवृष्टि को लोगों ने आपदा में अवसर के तौर पर लिया, इस पूरी मुहिम ...
76 years of environmentalism
The most important gain of India’s environmental movement is the voice it has given to its citizens. This is the soul of the movement
क्या चक्रीय अर्थव्यवस्था को क्रियान्वित करना चाहती है केंद्र सरकार?
अपने बजट भाषण में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का उद्देश्य “हरित विकास” का है, इसके क्या मायने हैं
Zero-zero, net zero
The fact that Joe Biden is not a climate denier is good news. But it is not enough
Water in age of climate change
We now need to be more than obsessive about water and its management as it is the basis of health and wealth
Biden’s transformational challenge
Though the US is no longer addicted to coal, it is completely sold on the idea of cheap energy, writes Sunita Narain
COVID-19 has made the invisible visible
Migrants make economies tick and now with their return there are many questions about the future of work, of …
रस्म अदायगी बन गई है वायु प्रदूषण से निपटने की कवायद
हकीकत यह है कि हमें प्रदूषण के स्रोत के बारे में पूरी जानकारी है, भले ही हर क्षेत्र का इसमें योगदान अलग-अलग मौसम में ...
तरलीकृत प्राकृतिक गैस, लेकिन अमीर देशों के लिए नहीं
औद्योगिक राष्ट्रों को गहन अकार्बनीकरण करने की आवश्यकता है। वे दोबारा से जीवाश्म ईंधन में निवेश कर इसे स्वच्छ एवं हरित नहीं बना सकते
जल और अपशिष्ट ज्ञान से संवरेगा जल भविष्य
हम अपनी नदियों का स्थायी प्रबंधन तब तक नहीं कर सकते जब तक कि हम अपशिष्ट प्रबंधन की अपनी प्रणाली को ठीक नहीं करते
The numbers behind: Climate change
The planet can barely afford any more carbon emissions. But we need to continue to emit for our survival and development. What is the carbon …
प्लास्टिक पुनर्चक्रण की राजनीति
उद्योग जगत ने एक बार फिर नीति निर्माताओं को समझा दिया है कि प्लास्टिक कचरा कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम लगभग हर चीज ...
ऐसी हो बाघ संरक्षण की नई रूपरेखा
नया संरक्षण एजेंडा बाघ बनाम आदिवासियों के इर्द-गिर्द नहीं घूमना चाहिए, बल्कि यह बाघों और लोगों के बारे में होना चाहिए
कैसे मिल सकती है जीवाश्म ईंधन से मुक्ति?
अब स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प को चुनने का दवाब कमोबेश उन देशों के ऊपर है जो न केवल उत्सर्जन के लिए कम जिम्मेदार हैं ...
क्या हो कॉप-26 का एजेंडा
अक्टूबर के अंत में ग्लासगो में शुरू हो रहे कॉप-26 का एजेंडा क्या होना चाहिए, बता रही हैं पर्यावरणविद सुनीता नारायण
और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास
जल भंडारों के बेहतर भविष्य के लिए स्थानीय समुदायों को अधिक अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है
Turn around India’s water story
Give local communities greater control over water structures for a secure future