आम चुनाव: सार्वजनिक संस्थानों की मजबूती से निकलेगा समाधान
लोग समझ चुके हैं कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण उनके लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन सार्वजनिक संस्थानों की कमजोरी के चलते उन्हें समाधान नहीं दिख ...
स्टॉकहोम सिंड्रोम: 50 साल का जश्न मनाते वक्त विचार करना जरूरी
स्टॉकहोम सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ का उत्सव हमारे साझे भविष्य के बारे में होना चाहिए, अतीत के विभाजनों पर नहीं
प्रकृति के साथ शांति से नहीं रह रहे हम
अगर हम धरती के साथ उसी बेवफूकी से पेश आते रहे तो इस साल भी कुछ नया नहीं होने वाला, सुनीता नारायण का आलेख
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
किसानों को बस समर्थन चाहिए
समय आ गया है कि हम अपने खाने की वास्तविक कीमत पर बात करें,जो हमारे लिए अनाज पैदा करने वाले किसानों के लिए लाभकारी ...
MGNREGA: Today and tomorrow
The programme can provide a safety net for the poor, not just in COVID-19 times, but for times to come
वायु प्रदूषण से बच्चों को बचाने के लिए कुछ तो कीजिए
हम प्रदूषण के सभी स्रोत कम कर सकते हैं। तब भी जब हवा न चल रही हो। साफ हवा हमारा हक है, लेकिन इसके लिए ...
चमोली आपदा: भूल, गलती और सबक
असल मुद्दा हिमालय के नाजुक क्षेत्र की वहन क्षमता जो जलवायु परिवर्तन के कारण और भी अधिक दबाव में है
Men in black
Carbon market has the potential to unlock billions of dollars for countries in the Global South. But is this voluntary carbon market working for …
एंटीबायोटिक्स के बेजा इस्तेमाल से तिहरे खतरे की ओर बढ़ रही है दुनिया
अत्यधिक या दुरुपयोग के कारण एंटीबायोटिक दवाएं अब बेअसर साबित हो रही हैं, दूूसरे दवा कंपनियां भी नई एंटीबायोटिक दवाएं नहीं बना रही हैं
Mindless metro debate
What is at stake is a discussion on what it would take to make the public transport system of our cities truly the one that moves people, not …
E-vehicles or e-mobility?
India has unique reasons for faster adoption of electric vehicles, but we need to be bold and aggressive in our plans
Jharkhand’s own Amul model
A model where small producers engage in a large-scale economic activity is important in the development laboratory of India
भारत के नए जलवायु लक्ष्य: साहसिक, महत्वाकांक्षी और दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण
पहले से ही कम उत्सर्जक होने के बावजूद भारत ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की जो प्रतिबद्धता जताई है, उसने बड़े उत्सर्जकों खासकर चीन ...
कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन जितना विनाशकारी है रोगाणुरोधी प्रतिरोध
रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस, एएमआर को एक खामोश महामारी बताता सुनीता नारायण का आलेख-
नई सरकार का पर्यावरण चार्टर
आम चुनाव में सतत विकास, प्रदूषण, रोजगार, कृषि संकट पर बात नहीं हुई, लेकिन नई सरकार को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध कितना होगा सफल?
प्लास्टिक की ऐसी चीजें, जिन्हें इकट्ठा करना मुश्किल है, या जिन्हें रीसाइकिल नहीं किया जा सकता, उनका इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए। मौजूदा प्रतिबंध ...
Budget 2023-24: Marks of a circular economy
Budget 2023-24 provides clear shifts in programme direction that need to be applauded. The real test will be our ability to operationalise those …
Do not just single out coal
Why should countries of the western world, which have already appropriated the giant share of the carbon budget, be given a free pass on the …
असुविधाजनक शोध क्यों रोकता है कारपोरेट जगत?
कीटनाशक विषाक्तता पर शोध न के बराबर हुआ है। वायु प्रदूषण पर किए जा रहे शोधों से निपटने के लिए भी यही रणनीति अपनाई ...
स्वच्छ हवा और मेरी चिंताएं
सर्दी के आते ही प्रतिकूल मौसम होने के कारण दिल्ली की हवा घातक और विषाक्त हो चुकी है
Stockholm+50: How do we prepare for the next half century
When we mark the 50th anniversary of the 1972 Stockholm conference, we need to discuss consumption and production in a globalised world
हवा में जहर की फिक्र किसे?
उत्तर भारत खासकर दिल्ली और उसके आसपास प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पीएम 2.5 का स्तर आपातकालीन श्रेणी में ...
It’s that time of the year again
The air pollution concern is today widespread, but there is an incomplete agenda that needs further attention
जल्लीकट्टू: संस्कृति बनाम संरक्षण
बुनियादी सवाल अभी अनुत्तरित है–क्या जल्लीकट्टू पारिस्थितिकी के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रथा है या सिर्फ एक खूनी खेल?