छोटी जोत भी हो सकती है पोषण में कमी का कारण
अध्ययन में शामिल गांवों में अधिकतर लोग ऊर्जा तथा पोषण संबंधी जरूरतों के लिए सिर्फ चावल, गेहूं और सब्जियों पर मुख्य रूप से निर्भर ...
नैनो तकनीक से बढ़ाई जा सकेगी टायरों की मजबूती
शोधकर्ताओं ने रबड़ से बनी हाई-परफार्मेंस नैनो-कम्पोजिट सामग्री विकसित की है, जिसका उपयोग टायरों की भीतरी ट्यूब और इनर लाइनरों को मजबूती प्रदान करने ...
मस्तिष्क के ट्यूमर की पहचान में मददगार हो सकते हैं नए जैव संकेतक
एक ताजा अध्ययन में भारतीय शोधकर्ताओं ने ग्लायोमा की वृद्धि से जुड़े जैव संकेतकों का पता लगाया है जो इसकी पहचान और उपचार में ...
चावल के रोगजनक फफूंद की अनुवांशिक विविधता का पता चला
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अनुवांशिक जानकारी शीथ ब्लाइट रोग प्रतिरोधी चावल की किस्में विकसित करने में मददगार हो सकती है
गुटखा-खैनी के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय मिशन जरूरी : शोध
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: भारत में मुंह के कैंसर का 90 फीसदी कारण गुटखा और खैनी जैसे तंबाकू उत्पाद हैं।
मक्का उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी है नई रणनीति
इस अध्ययन से पता चला है कि देश के कई जिले ऐसे हैं, जहां उत्पादन क्षेत्र अधिक होने के बावजूद प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बेहद ...
किडनी रोगों की पहचान के लिए नई तकनीक
नई तकनीक के उपयोग से किडनी रोगों का समय रहते पता लगाना आसान हो सकता है और मरीजों को किडनी की बीमारियों से होने ...
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को जल्द मिलेगा नया घर
नए भवन का निर्माण करीब नौ एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें भूमि का 22 प्रतिशत हिस्सा घिरा होगा, हरित क्षेत्र 52 प्रतिशत होगा। ...
नदियों में प्रदूषण की निगरानी के लिए मिला नया तरीका
आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित प्रदूषण निगरानी की एक ऐसी ही तकनीक से गंगा नदी के जल की गुणवत्ता का पता लगाने में के वैज्ञानिकों ...
वैज्ञानिक उपलब्धियों ने कैसे बदली जिंदगी?
‘इंडियन साइंस ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’ नामक एक नई पुस्तक में भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को छोटी-छोटी कहानियों के रूप में पेश किया गया है।
जलवायु अनुकूलन के लिए जरूरी जन-भागीदारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), इंदौर और आईआईटी, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात उभरकर आई है।
धान को आर्सेनिक से बचा सकती है कम पानी में सिंचाई
कम पानी में सिंचाई करने से धान में आर्सेनिक की मात्रा 17-25 प्रतिशत तक कम पाई गई है। हालांकि पैदावार में भी 0.9 प्रतिशत ...
स्वास्थ्य जांच में कारगर हो सकते हैं मेले
सिंहस्थ कुंभ में लोगों की उच्च रक्तचाप एवं ओरल हेल्थ की जांच करने के बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस अध्ययन में ...
छात्रों को विज्ञान से जोड़ने के लिए सीएसआईआर की नई पहल
कार्यक्रम का मकसद छात्रों एवं अध्यापकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और उनमें जिज्ञासु प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना है
Damage to crop and livestock from wildlife continues to be high despite mitigation efforts: study
AS per the study, 71 per cent of the households surveyed had suffered crop loss, and 17 per cent livestock loss
High levels of arsenic found in groundwater in UP
40 districts exposed to high concentration of arsenic in groundwater
Delhi to start monitoring pollen pollution
A digital pollen count monitor has been set up for public at Delhi University
जल्द नहीं मुरझाएगा यह फूल, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई किस्म
भारतीय वैज्ञानिकों ने अब गुलदाउदी की ऐसी किस्म विकसित की है, जो सर्दियों के अंत तक खिली रहेगी
आयुर्वेदिक औषधियों के इन तत्वों से हो सकता है मिरगी का उपचार
एक नए अध्ययन में भारतीय शोधकर्ताओं ने जड़ी-बूटियों में पाए जाने वाले 74 तत्वों की पहचान की है, जो मिरगी के कारकों को नष्ट ...
कालाजार से उबरने के बाद भी मरीजों से फैल सकता है संक्रमण
शोधकर्ताओं के नए अध्ययन के मुताबिक, कालाजार का उपचार पूरा होने के बाद चमड़ी के कालाजार से ग्रस्त मरीज भी इस बीमारी का संक्रमण फैला ...
वैज्ञानिकों की खोज, रसायन मुक्त चाय उत्पादन में मददगार हो सकते हैं सूक्ष्मजीव
भारतीय वैज्ञानिकों ने अब चाय के पौधों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले ऐसे सूक्ष्मजीवों की पहचान की है जो रासायनिक उर्वरकों के उपयोग ...
Scientists unravel fungus responsible for Sheath Blight disease in rice
Researchers have identified several genes and gene families in the strain that might account for their disease aggressiveness
पानी ही नहीं और भी कई वजह से हो सकता है फ्लोरोसिस : शोध
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि मिट्टी के साथ-साथ गेहूं, चावल और आलू जैसे खाद्य उत्पाद भी फ्लोरोसिस के स्रोत हो सकते हैं।
तेजी से पिघल रहे हैं गंगोत्री के सहायक ग्लेशियर
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि करीब 27 वर्षों में चतुरंगी ग्लेशियर की सीमा करीब 1172 मीटर से अधिक सिकुड़ गई है
ग्रामीण आबादी के लिए अनूठा वाटर प्यूरीफायर
महाराष्ट्र के फलटण में स्थित निम्बकर कृषि अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने सौर ऊर्जा पर आधारित सोलर वाटर प्यूरीफायर विकसित किया है।