पहाड़ों पर बंजर खेतों की रंगत लौटाने को एकजुट हुए किसान
डबरा गांव के कुछ किसान परिवार एक बार फिर एकजुट हुए हैं। किसानों ने आपस में मिलकर फिर से बंजर जमीनों पर अन्न उगाने ...
मिसाल: भोजपत्र के वृक्षों को नया जीवन दे रही है हर्षवंती
पहाड़ सा हौसला रखने वाली पर्वतारोही हर्षवंती बिष्ट ने इस वर्ष अगस्त के पहले हफ्ते में समुद्र तल से 3,775 मीटर ऊंचाई पर बसे ...
विलुप्त हो रहे फर्न देखने हों तो इस वाटिका में आएं
फर्न की 18 प्रजातियां ऐसी हैं जो सिर्फ उत्तराखंड में ही पायी जाती हैं। ये सभी शोषण, अपने प्राकृतिक वास खोने और मौसमी वजहों ...
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
क्या बारिश से ही बुझ सकती है जंगल की आग
उत्तराखंड के जंगलों में आग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता ने कहा, हर साल लगने वाली आग वन्य जीवों के लिए खतरा बन ...
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने से थमेगा उत्तराखंड का पलायन
अल्मोड़ा में पलायन के कारण और रोकने के उपायों को लेकर उत्तराखंड पलायन आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट राज्य सरकार ...
अब हाइड्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ चिपको की तैयारी
ऋषि गंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ गौरा देवी के गांव रैणी के लोगों ने संभाली कमान
आठ माह से बीमार हथिनी लक्ष्मी को नहीं मिल रहा इलाज
आला अधिकारियों के फ़ैसला लेने में हुई देरी के चलते लक्ष्मी को शुरुआती दौर में बेहतर इलाज नहीं मिल सका।
मई दिवस : उत्तराखंड में धरनारत हैं सैकड़ों मजदूर, सुध नहीं ले रही सरकार
नैनीताल पीपुल्स फोरम का कहना है कि कठोर संघर्ष से हासिल श्रमिक अधिकारों को लगातार खत्म किया जा रहा है।
एक हिमालयी जिला, जो खो रहा है अपने लोग
दिसंबर के पहले हफ्ते में पलायन रोकने के लिए जब पौड़ी की सिफ़ारिश रिपोर्ट सामने आयी, तो पहाड़-वासियों के आंसू फिर छलक उठे।
Hammer and tongs: These women in Uttarakhand’s Lohaghat forge and make their own iron products
Women self-help groups in the Lohaghat tehsil have revived the traditional occupation of ironworking, dominated in the past by men
विश्व पर्यावरण दिवस: उत्तराखंड में ऑर्किड फूलों से लेकर लुप्त होने की कगार पर पहुंची वनस्पतियों को बचाने की कोशिश
लेडीज़ स्लिपर यानी स्त्रियों के जूते के आकार सरीखे ऑर्किड फूल पश्चिमी हिमालय में खतरे की जद में आ गई प्रजातियों में शामिल है। ...
पर्यावरण की सेहत बताता है कवक-शैवाल से मिलकर बना लाइकन
हमारे आसपास लाइकन उग रहे हैं तो समझिए पर्यावरण की सेहत अच्छी है। यदि नहीं तो हम प्रदूषणवाली हवा में सांस ले रहे हैं।
Gross environment product for Uttarakhand: What's on agenda, how experts differ
Five-member committee constituted on March 5, 2020 in Dehradun to formulate GEP
उत्तराखंड के गांवों तक कब पहुंचेंगी स्वास्थ्य सेवाएं?
उत्तराखंड के गांवों में प्रसव पीड़ा होने के बाद यह डर सताने लगता है कि मां व शिशु जीवित रह पाएंगे या नहीं
उत्तराखंड-हिमाचल की सीमा पर बनी आसन झील में विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा
देहरादून से करीब 38 किलोमीटर आगे धालीपुर गांव के पास यमुना नदी और आसन नदी के पास बनी झील में हजारों विदेशी पक्षी अक्टूबर ...
क्या पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं उत्तराखंड के होम स्टे, एनजीटी ने मांगा जवाब
एनजीटी में दायर याचिका में कहा गया है कि बड़े होटल संचालक होम स्टे स्कीम का कॉमर्शियल फायदा उठा रहे हैं, जिससे पर्यावरण को ...
उत्तराखंड में भूजल कानून की तैयारी, क्या हैं मायने?
नदियों के प्रदेश उत्तराखंड में भी पांच ब्लॉक ऐसे हैं जहां भूजल संकट है। इनमें से दो ब्लॉक हरिद्वार में और तीन ब्लॉक उधमसिंहनगर ...
खेत लीज पर देने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, किसे होगा फायदा?
राज्य सरकार ने वादा तो चकबंदी करने का किया था, लेकिन अब खेती की जमीन उद्यमियों को लीज पर देने का निर्णय ले लिया ...
‘Ghost villages’ of Uttarakhand report mass migrations for the fear of leopard attacks
One man-eater hunted last week; Villagers claim no help from forest department
Uttarakhand’s plans to create 100,000 ‘ecopreneurs’ raises hope and questions
Some experts have questioned the approach as well as the ambitious target number of trainees, which equates to around one per cent of the state&…
तीन साल से पहाड़ी आलू हो रहा है 'झुलसा' का शिकार, लेकिन कौन करे फिक्र?
मैदानी इलाकों में आलू पर झुलसा रोग सामान्य बीमारी है, लेकिन पहाड़ों में यह कभी-कभार ही होती है, परंतु पौड़ी जिले में पिछले तीन ...
उत्तराखंड में अप्रैल महीने में कोरोना के 39 फीसदी मरीज सिर्फ देहरादून में मिले
एक अप्रैल से एक मई के बीच राज्य में 85,103 नए कोविड संक्रमित पाए गए। इसमें से 32,967 कोविड पॉज़िटिव अकेले देहरादून में आए।
क्या है हिमालयी क्षेत्र में बदलते मौसम का कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल-मई में हिमालयी क्षेत्र में मौसम का पैटर्न बदल रहा है, इसलिए इसके व्यापक अध्ययन की जरूरत है
क्या लॉकडाउन खुलने के बाद लौट आएंगे पहाड़ गए लोग?
लॉकडाउन की घोषणा होते ही प्रवासी वापस अपने गांव लौट गए, लेकिन क्या ये वहीं रह पाएंगे, क्या वहां की सरकारें इन्हें रोकने के ...