हरियाणा की अव्याहारिक कृषि नीति से कृषि उत्पादन में कमी के संकेत
हरियाणा के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक राज्य में गेहूं का उत्पादन वर्ष 2022-23 में 110 लाख टन रहा, जो 2010-11 के मुकाबले कम ...
किसानों की नहीं, कंपनियों की हितैषी है सरकारी फसल विविधिकरण योजना!
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तालिका के अनुसार, धान फसल किसानों को सालाना 1,01,190 रुपए प्रति हेक्टेयर शुद्ध लाभ देती है
Short-duration paddy cultivation can help solve Punjab and Haryana’s stubble burning problem
Along with in situ incorporation of stubble into soil is an effective solution for both air pollution and groundwater conservation
ICAR’s herbicide-tolerant rice is not farmer-friendly and is a threat to national food security
This technology will raise cultivation costs by monopolising the seed-agrochemical market and may lead to more robust, herbicide-resistant weeds …
भारतीय खाद्य सुरक्षा के लिए क्यों चिंताजनक है गेहूं की पैदावार में ठहराव?
सरकार के रिकार्ड तोड़ उत्पादन के दावों के विपरीत गेहूं के उत्पादन और उत्पादकता में ठहराव आ रहा है
पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?
किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से इसका समाधान नहीं निकलेगा
किसान क्यों जलाता है पराली, क्या है स्थायी समाधान?
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा अब तक किए गए सभी प्रयास न केवल अव्यावहारिक हैं, बल्कि असफल भी ...
अलविदा रोपाई धान, मिल गया हरियाणा और पंजाब मे भूजल संकट का समाधान?
भूजल संरक्षण के लिए हरियाणा-पंजाब के सभी किसानों को धान की सीधी बुआई के लिए प्रोत्साहित किया जाए
मक्का की फसल को सरकारी प्रोत्साहन से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा व पर्यावरण को हो सकता है खतरा?
पेट्रोलियम कारखानों में इथेनॉल बनाने के लिए मक्का फसल को सरकारी प्रोत्साहन दिया जा रहा है