उत्तराखंड में मनरेगा-2: लॉकडाउन में ढाई गुणा बढ़ी काम की मांग
लॉकडाउन के कारण लौटे प्रवासियों को जब मनरेगा के तहत काम करने को कहा गया तो राज्य में काम की मांग बढ़ गई
मनरेगा से दस साल में पहली बार जलमग्न होगा पुष्कर सरोवर
मनरेगा योजना के तहत राजस्थान के पारंपरिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है
विश्व श्रमिक दिवस : श्रम और श्रमिक अधिकारों की प्रतीक्षा में तीसरी पीढ़ी
आज 178 बरस बाद भी समाज और सरकार, दावे के साथ नहीं कह सकती कि भारत में बंधुआ मज़दूरी अथवा वैसी परिस्थितियां समाप्त हो ...
शहर छोड़कर गांव जाने वाले कामगार लौटे, अब काम के लाले
असंगठित क्षेत्र के बहुत से कामगार लॉकडाउन के बाद अपने गांव चले थे लेकिन वहां काम न मिलने पर वापस लौटना पड़ा
अपना पूरा दिन कहां खर्च करते हैं भारतीय, एनएसओ ने जारी की सर्वे रिपोर्ट
एनएसओ ने पहली बार टाइम यूज इन इंडिया सर्वे रिपोर्ट जारी की है, जिसमें लोगों की दिनचर्या के बारे में जानकारी जुटाई गई है
उत्तराखंड में मनरेगा-1: प्रवासियों के लिए कितना फायदेमंद?
उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम करने का न्यौता दिया गया, लेकिन क्या कहते हैं प्रवासी...
मनरेगा के साथ-साथ खेती में जुटे प्रवासी
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गांवों से वही प्रवासी शहरों में लौटना चाहते हैं, जिनके पास खेती के लिए जमीन नहीं है
क्यों अधूरे रह जाते हैं मनरेगा के काम
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राम पंचायतों की क्षमता की कमी के चलते मनरेगा के काम अधूरे रह जाते हैं
मनरेगा: ग्रामीणों ने बिछा दिया गांव में नालियों का जाल
ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत गांव से बाहर जाकर गड्ढे खोदने की बजाय अपने गांव में नालियां खोदने की मांग की
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-11: न बाजार को पसंद है न सरकार को!
कोरोना आपदा में दो कल्याणकारी योजनाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। एक है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 ...
मानचित्र से समझिए, किस राज्य में कितने लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले
देश की बहुआयामी गरीबी में 14.96 प्रतिशत की गिरावट आई है यानी 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं
60 लाख वेंडरों की रोजी पर संकट, फर्म को प्राथमिकता दे रहा रेलवे
रेलवे अपने स्टेशनों से वेंडर को हटा कर वहां कंपनियों से काम लेना चाहती है, जिसका असर लाखों वेंडर्स की रोजी-रोटी पर पड़ेगा
आईएलओ रिपोर्ट में दिखी भारतीय महिलाओं की सच्चाई!
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्बारा जारी रिपोर्ट में महिलाओं को केवल घरेलू कामकाज तक सीमित बताया गया है, लगभग यही स्थिति पाकिस्तान, बांग्लादेश की भी बताई ...
दुनिया भर में हैं 18 करोड़ बेरोजगार, आर्थिक सुस्ती से बिगड़े हालात
आईएलओ की ताजा रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में 47 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पास या तो काम नहीं है या मनमुताबिक काम ...
कोरोनाकाल में विश्व श्रमिक दिवस : यहां जानिए देश में श्रम कानूनों की क्या स्थिति है
2002 में नेशनल कमीशन ऑन लेबर (एसएनसीएल) ने कहा कि सरकार असंगठित श्रमिकों को पर्याप्त मदद नहीं दे रही है।
किस राज्य में कितने प्रवासी मजदूर फंसे हैं, देखिए लिस्ट
छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 10.85 लाख , केरल में 2.86 लाख और तमिलनाडु में 1.93 लाख प्रवासी मजदूर फंसे थे
पढ़े-लिखे युवाओं को भी भा रहा है मनरेगा
राजस्थान में मनरेगा साइट पर काम की देखरेख करने के लिए पढ़े लिखे युवाओं की तैनाती की जा रही है
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर
पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाकर मनरेगा को धन जारी करने पर रोक ...
संसद में आज (30 मार्च 2022): भारत में हर साल 50 किलो प्रति व्यक्ति भोजन हो जाता है व्यर्थ
निर्माण उद्योग हर साल 7-10 करोड़ टन निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट (सी एंड डी) का उत्पादन करता है।
ऑटोमेशन से रोजगार पर बड़ा संकट मंडराएगा
ऑटोमेशन के कारण भारत सहित दुनिया के 1.20 करोड़ कामगारों की रोजी पर खतरा मंडरा रहा है
छत्तीसगढ़ में सरकार ने मजदूरों के पलायन पर बरती सख्ती, बस सेवा बंद, अवैध पलायन की हो रही निगरानी
छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों में मजदूरों का पलायन होता है सरकार ने इसे रोकने के लिए इंटर स्टेट बस ...
आर्थिक सर्वेक्षण ने दी ‘बौनों’ को खत्म करने की सलाह
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो छोटे उद्योग आर्थिक वृद्धि को रोक रहे हैं और रोजगार सृजन नहीं कर रहे हैं, उन्हें ...
रोजगार के लिए कहां जाएं किसान
कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। भारत में कृषि छोड़ने वाले लोगों के लिए विकल्प की सख्त दरकार है।
संसद में आज (23 मार्च 2022): लॉकडाउन के बाद बढ़ी महिला कर्मचारियों की संख्या
खाद्य सुरक्षा के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने में 75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी आबादी शामिल है
मनरेगा: ग्रामीणों ने बनाए19 तालाब, कुंओं में भी सालभर रहने लगा पानी
इस आदिवासी गांव में आज से पंद्रह साल पहले लगभग सत्तर प्रतिशत लोग बाहर कमाने-खाने चले जाते थे